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दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ इस पहल से पैसे भी बचेंगे और जहरीली हवा भी कम होगी

कंपोस्टिंग प्लांट की। यह प्लांट पार्कों में पेड़ों की पत्तियों से लेकर घर से निकलने वाले कचरे को खाद में परिवर्तित कर देगा। खास बात यह होगी कि इससे निगम को अपने पार्कों को हरा भरा रखने के लिए खाद खरीदने की जरूरत नहीं होगी।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 10:41 AM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 11:10 AM (IST)
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ इस पहल से पैसे भी बचेंगे और जहरीली हवा भी कम होगी
दिल्ली में प्रदूषण घटाने की तैयारी तेज।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा शनिवार से प्रदूषण को लेकर एक बड़ी पहल की जा रही है। इससे ना केवल राजधानी में प्रदूषण की कमी आएगी, बल्कि पेड़ पौधे भी हरे भरे होंगे इतना ही नहीं इससे निगम हर साल लाखों रुपए बचेंगे। जी हां हम बात कर रहे हैं दिल्ली के प्रदूषण के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा शुरू किए जा रहे कंपोस्टिंग प्लांट की। यह प्लांट पार्कों में पेड़ों की पत्तियों से लेकर घर से निकलने वाले कचरे को खाद में परिवर्तित कर देगा। खास बात यह होगी कि इससे निगम को अपने पार्कों को हरा भरा रखने के लिए खाद खरीदने की जरूरत नहीं होगी। इससे निगम को फंड की बचत होगी।

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निगमायुक्त ज्ञानेश भारती शनिवार दोपहर में टैगोर गार्डन नजफगढ़ रोड पर पत्तियों से खाद बनाने के प्लांट की शुरुआत करने जा रहे हैं। पांच प्लांट से निगम को हर महीने खाद मिला करेगी। निगम के स्वच्छता अभियान के नोडल अधिकारी राजीव जैन ने कहा कि इससे लैंडफिल पर जो पूरा जाता था, वह अब नहीं जाएगा। वहीं निगम को जो पार्कों के लिए खाद खरीदनी पड़ती थी वह भी नहीं खरीदनी पड़ेगी। इसका फायदा निगम को प्रदूषण को कम करने में भी मिलेगा, साथ ही अपने पार्कों पेड़ पौधों को हरा भरा रखने के लिए खाद भी दी जाएगी।

इसके साथी निगम की खाद बनाने की क्षमता साथ मीटिंग टन हो जाएगी,  इससे 60000 प्रति माह की बचत होगी क्योंकि पहले इस कूड़े को घर से या फिर कॉलोनी से या पाठकों से लैंडफिल पर ले जाने पर 60000 का खर्च आता था। अब वह पूरी तरह से बच जाएगा। इतना ही नहीं इससे बनने वाली ढाई लाख की खाद भी निगम के काम आएगी। पहले निगम इतनी खाद ढाई लाख रुपए की खरीदता था। बताया जा रहा है कि इससे निगम को स्वच्छता रैंकिंग में भी काफी लाभ मिलेगा क्योंकि कूड़े को खाद में बदलने पर निगमों को स्वच्छता सर्वेक्षण में अंक ज्यादा मिलते हैं हम इस बार शीर्ष 10 शहरों में अपनी रैंक लाने की कोशिश कर रहे हैं। निगमायुक्त इसके लिए विशेष दिशा निर्देश दे रहे हैं जिन पर प्रतिदिन काम किया जा रहा है। इस वर्ष निगम को 31 वां स्थान मिला था।

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