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Coronavirus Treatment: कोरोना से निपटने में असरदार साबित हो रहीं आयुर्वेदिक दवाएं

Coronavirus Treatment चौ. ब्रह्म प्रकाश चरक आयुर्वेद संस्थान आयुर्वेद व यूनानी तिब्बिया मेडिकल कॉलेज में आयुर्वेदिक दवाओं से अब तक करीब 210 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 08:10 AM (IST)
Coronavirus Treatment: कोरोना से निपटने में असरदार साबित हो रहीं आयुर्वेदिक दवाएं
Coronavirus Treatment: कोरोना से निपटने में असरदार साबित हो रहीं आयुर्वेदिक दवाएं

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Coronavirus Treatment: वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में आयुर्वेदिक दवाएं असरदार साबित हो रही हैं। दिल्ली में आयुर्वेद व होम्योपैथी के तीन अस्पतालों में इसका इलाज चल रहा है। आयुष निदेशालय से दिशा-निर्देश मिलने के बाद यहां अब तक 238 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 120 मरीजों का इलाज चल रहा है। एक सप्ताह में सरिता विहार स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में इलाज शुरू हो जाएगा।

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दिल्ली में फिलहाल चौधरी ब्रह्म प्रकाश चरक आयुर्वेद संस्थान, आयुर्वेद व यूनानी तिब्बिया मेडिकल कॉलेज और नेहरू होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोविड हेल्थ सेंटर बनाया गया है। चौ. ब्रह्म प्रकाश चरक आयुर्वेद संस्थान, आयुर्वेद व यूनानी तिब्बिया मेडिकल कॉलेज में आयुर्वेदिक दवाओं से अब तक करीब 210 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इन अस्पतालों के डॉक्टर मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं के असर से बेहद उत्साहित हैं। चौ ब्रह्म प्रकाश चरक आयुर्वेद संस्थान ने बकायदा क्लीनिकल ट्रायल करने की भी तैयारी की है। इसके लिए संबंधित विभागों से अनुमति मांगी गई है। ट्रायल के परिणाम मेडिकल जर्नल में भी प्रकाशित होंगे। वहीं नेहरू होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में होम्योपैथी दवाओं से ठीक होने के बाद 28 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है। फिलहाल उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।

चौ ब्रह्म प्रकाश चरक आयुर्वेद संस्थान के अतिरिक्त निदेशक (एकेडमिक) डॉ. एनआर सिंह ने कहा कि मरीजों को काढ़ा, गिलोय की टेबलेट, आमल की चूर्ण दवा दी जाती है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाने में मदद करती है। मरीजों पर इसके अच्छे परिणाम देखे जा रहे हैं।

तिबिया कॉलेज के डॉक्टर कहते हैं कि मरीजों को आयुर्वेदिक दवाओं के अलावा सात्विक भोजन दिया जाता है, जो सुपाच्य हो। छोले व राजमा जैसी चीजें खाने को नहीं दी जाती हैं और अस्पताल का माहौल खुशनुमा रखा जाता है। आयुर्वेद के साथ एलोपैथ का भी इस्तेमाल आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि यदि किसी मरीज को मधुमेह, हाइपरटेंशन व थायराइड की समस्या हो तो उनकी पहले से ही एलोपैथ दवाएं चल रही होती हैं, जिन्हें बंद नहीं करते हैं। मरीजों को बुखार, खांसी व गले में खराश की समस्या अधिक देखी जाती है। इसके लिए आयुर्वेदिक दवाएं ही दी जाती हैं। मरीज को यदि सांस की समस्या है और शरीर में ऑक्सीजन का लेबल 95 फीसद तक कम है तो बड़े कोविड अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया जाता है। 

आयुर्वेद से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने की दी सलाह
कोरोना महामारी से अब तक जो लड़ाई लड़ी जा रही है, उसमें कोरोना का मुकाबला सिर्फ इम्यून सिस्टम की मजबूती से किया जा रहा है। अब तक कोरोना के लिए कोई विशिष्ट टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। ये बातें रविवार को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के पुलिसकर्मियों के लिए आयोजित वेबिनार के दौरान राजौरी गार्डन स्थित एसडीएमसी आयुर्वेदिक पंचकर्म अस्पताल के डॉ. रवि गोगिया ने कही। वेबिनार का विषय था कैसे आयुर्वेद हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में हमारी मदद कर सकता है। वेबिनार में 300 से अधिक पुलिसकर्मी व अधिकारी शामिल हुए। डॉ. रवि गोगिया ने इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के तरीकों और आयुर्वेदिक काढ़ा घर पर ही बनाने के तरीकों के बारे में बताया।


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