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कोरोना की बढ़ती रफ्तार से शादियों पर लग रहा ब्रेक, अनिश्चितता ने छीना खुशी का माहौल

पेटीएम की टीम लीडर ऑपरेशंस प्रिया श्रीवास्तव ने पिछले साल दो बार शादी स्थगित होने के बाद कोर्ट में शादी की। कोविड की वजह से उनके पास कोर्ट मैरिज ही एक विकल्प था। एक दुल्हन के रूप में उनके शादी के सपने थे लेकिन वे उन्हें पूरा नहीं कर पाई।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 05:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 07:02 AM (IST)
कोरोना की बढ़ती रफ्तार से शादियों पर लग रहा ब्रेक, अनिश्चितता ने छीना खुशी का माहौल
शादी से जुड़े बिजनेस को भी भारी घाटा लग रहा है।

नई दिल्‍ली, यशा माथुर। जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है और बंदिशें बढ़ गई हैं उसी तेजी से उन घरों में असमंजस की स्थिति और जटिल हो रही है जिन घरों में आने वाले दिनों में शादी होने वाली है। घरवाले दुविधा में हैं कि कैसे करें शादी ? कैंसल करें, आगे बढ़ाएं या जैसे-तैसे हो जाने दें । वेडिंग डिजाइनर्स को शादियों का साइज छोटा हो जाने और इनके कैंसल हो जाने से भारी वित्‍तीय घाटा लग रहा है। जोड़े परेशानी में हैं कि सपने पूरे नहीं हो पाएंगे, महंगी ज्‍यूलरी और महंगा लहंगा, शेरवानी अपने रंग नहीं बिखेर पाएगा। निमंत्रण पत्र तो बंटे नहीं लेकिन उनका डिजिटल वर्जन मोबाइल पर सर्कुलेट हो गया है। सीमित रिश्तेदारों को ही शादी में निमंत्रित किया गया है फिर भी डर है कि शादी कर पाएंगे या नहीं? जिस रफ्तार से कोरोना देश में बढ़ रहा है उसको देख-सुन कर वे लोग बहुत परेशान हो रहे है जिन्होंने दिनों में अपने बच्चों की शादियां तय की हैं। शादी से जुड़े बिजनेस को भी भारी घाटा लग रहा है।

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अभिभावक हैं चिंता में, सोच रहें है क्या होगा?

एकदम अनिश्चितता की स्थिति है। कल क्या होगा किसी को पता नहीं। हजारों-लाखों की बुकिंग्स हो गई है। एक बार तो शादी आगे बढऩे पर होटल वालों ने, बैंड वालों ने एडजस्ट कर लिया लेकिन अब क्या वे बार-बार ऐसा करेंगे? यही सोच खाए जा रही है चंद्रेश जी को। बेटे संदीप की शादी दिसंबर में होनी थी लेकिन हो नहीं सकी। अब 28 अप्रैल को हैं तो समझ ही नहीं आ रहा कि कर पाऐंगे या नहीं। सारे पैसे डूबने और बच्चों के उदास होने का डर है उन्हें। कहते हैं, ' कोरोना भयावह हो रहा है तो भी हमें कुछ तो करना ही होगा। किसी को नहीं बुलाऐंगे और कोर्ट में या मंदिर से उनकी शादी करेंगे क्योंकि उन्हें शादी करते ही विदेश जाना है। एक बार जाने के बाद वे एक साल बाद ही आ पाऐंगे। हम अपने अरमानों को पूरा नहीं कर पाऐंगे। लेकिन अब शादी आगे नहीं बढ़ा सकते।' कामेश प्रशासन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण अपना हर फंक्‍शन दिन में करने की जुगत लगा रहे हैं।

काश कोविड नहीं होता ...

दोस्त शादी में ही नहीं आ रहे। लिस्ट में से मेहमानों के नाम काटने पड़ रहे हैं। दोस्तों के नाम भी कट रहे हैं। कोविड के चक्कर में मध्यमवर्गीय परिवारों पर वित्तीय रूप से काफी प्रभाव पड़ा है। इन दिनों जो लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं और नौकरी से जुड़े हैं उनके हालात ठीक है लेकिन व्यवसायियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। बजट देखना पड़ रहा है। देखना है कि कैसे मैनेज करेंगे। 100 या 50 मेहमान बुला सकते हैं लेकिन सरकार की गाइडलाइंस का पालन करना है। शॉपिंग के लिए भीड़ वाली जगह में नहीं जा सकते। बाजारों में लोग कोरोना की किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। बिना मास्क के ग्रुप्स में घूम रहे हैं। हर समय दिमाग में रहता है कि कहीं कुछ हो न जाए। बाजार में वैरायटी नहीं देख पा रहे हैं। शादी वाले घरों के पास विकल्प काफी कम हैं। आसपास से महंगी चीजें खरीदनी पड़ रही हैं। रिश्तेदारों के परिवार में दो लोगों को बुला रहे हैं। अगर कोविड नहीं होता तो बात ही कुछ ओर होती।

शादी का संसार, बेजार है बाजार

जिनकी रोजी का जरिया शादी के सीजन से ही जुड़ा है वे खुद बेजार हैं क्‍योंकि बाजार सुस्‍त हो गया है। वेडि़ग प्‍लानर्स को कई महीनों पहले बुकिंग मिली थी और उन्‍होंने पूरी तैयारी कर होटलों व डेकोरेशन के लिए एडवांस भी दे दिया था अब कलाइंट्स शादी कैंसल कर रहे हैं या छोटी कर रहे हैं और उनका बाजारर में लगा पैसा पंस गया है। वेडिंग प्‍लानर पवन चावला कहते हैं, ‘ सरकार के नए नियम आए हैं लेकिन हमने कलाकारों, होटलों, केटरिंग और सजावट के लिए अग्रिम राशि दे दी है। अब क्‍लाइंट शादी छोटी कर रहे हैं, कह रहे हैं कि बैंक्‍वेट हॉल कैंसल कर दो, घर के लोगों के साथ कहीं भी शादी कर लेंगे। अब हमारा क्‍या कसूर है ? पिछले लॉकडाउन में लोगों ने शादी के कार्यक्रम स्‍थगित कर दिए थे कि जब सब कुछ ठीक होगा तब ही धूमधाम से शादी करेंगे। लेकिन इस बार वे इस मूड में नहीं हैं। क्‍लाइंट ने पचास लोगों की शादी का रास्‍ता चुन लिया। हम फंस गए क्‍योंकि जहां हमें गुडविल की चिंता है वहीं अगले तीन महीने की बड़ी शादियां कैंसल होने की भी। ‘

शादी को यादगार बनाना है

महंगा लहंगा भी पहनना है, सभी रिवाज भी करने है क्योंकि शादी तो बार-बार होगी नहीं। यही सोच रही हैं हीना। कोरोना के इन दिनों में उन्हें अपने सपनों के साथ समझौता करना पड़ेगा जो उन्हें हरगिज नहीं चाहिए। वैसे ही दुल्हन बनना है, दोस्तों के साथ दिन को यादगार बनाना है। ऐसे में कोरोना खत्म होने और स्थितियां सामान्य होने का इंतजार करना ही उन्हें बेहतर लगा। कहती हैं हीना, 'हमसे घरवाले कह रहे हैं कि तय तारीख पर कोर्ट मैरिज कर लो, बाद में अच्छी सी पार्टी कर लेंगे या पचास लोगों के साथ ही सादी सी शादी कर देते हैं लेकिन मुझे वही हल्ला-गुल्ला चाहिए, धूमधाम चाहिए। सब सजें, सारे रिश्तेदार आएं, दोस्त आएं, खूब खाना-पीना हो, किसी के मन में कोई डर न हो। सब जम कर एंजॉय करें।' शादी के सपने पूरे करने के लिए परिस्थितियां सामान्य होने का इंतजार करेंगी हीना।

पिछले साल की स्थितियां आ गईं सामने

पेटीएम की टीम लीडर ऑपरेशंस प्रिया श्रीवास्तव ने पिछले साल दो बार शादी स्थगित होने के बाद कोर्ट में शादी की। कोविड की वजह से उनके पास कोर्ट मैरिज ही एक विकल्प था। एक दुल्हन के रूप में उनके शादी के सपने थे लेकिन वे उन्हें पूरा नहीं कर पाई। कहती हैं प्रिया, 'मेरी शादी चार अगस्त 2020 को हुई। हमारी बुकिंग्स हो गई थीं लेकिन सब कैंसल करवाना पड़ा। मेरी उम्मीदों के विपरीत मेरी सादी सी शादी हुई। शादी के पहले भी कई रिवाज होते हैं और शादी का माहौल बनता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। मैं पार्लर जाकर तैयार हुई, साड़ी पहनी, लेकिन बाद में लगा कि मैं तैयार भी क्यों हुई। मास्क लगाकर कोर्ट जाना था और वहां पर सिर्फ हस्ताक्षर करने थे। पांच मिनट लगे और शादी हो गई। गर्मी बहुत थी। मास्क से मेरा मेकअप खराब हो गया। शादी के जिन रिवाजों में कई दिन लगते हैं वहीं मेरी शादी कुछ मिनटों में हो गई। शादी का उत्साह था लेकिन यह शादी अलग ही थी। जैसा लड़कियां सोचती है कि मेरा लहंगा, मेकअप, ज्यूलरी ऐसी होगी, स्टेज पर ऐसे जाना है, वैसा कुछ भी नहीं हुआ। एक-दूसरे को माला जरूर पहनाई। शादी पहले भी आगे बढ़ चुकी थी। इसलिए मेरे पैरेंट्स कोर्ट की तारीख पर शादी कर देना चाहते थे। क्योंकि यह भी बहुत मुश्किल से मिली थी। हालांकि 50 लोग आ सकते थे लेकिन सभी को इकट्ठा करना खतरे से खाली नहीं था। मेरी शादी के दो दिन बाद ही कोर्ट में 11 लोग कोविड पॉजिटिव निकले।'

सारी योजनाओं पर पानी फिर गया

जूही पेशे से एक वेडिंग प्लानर हैं और वह अपनी शादी को खास बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती थीं। जूही ने मार्च में दुबई जाकर सगाई की थी। कुछ ऐसी ही तैयारियां शादी के लिए कर रही थीं। हनीमून भी प्लान कर लिया था लेकिन अब सब पर पानी फिर गया है। शादी की तारीख आगे बढऩे से जूही बहुत दुखी है। इस कोविड ने शादी के सपने संजोने वाले जोड़ों की उम्मीदों को ग्रहण लगा दिया है।


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