Coronavirus: कोरोना संक्रमण से जंग, पढ़िए इस जीत की कहानी खुद उमंग की जुबानी
Coronavirus ग्रेटर नोएडा के एल्फा-1 सेक्टर निवासी उमंग का जिन्होंने कोरोना को हराकर घर वापसी की है। नाम को सार्थक किया है और अच्छे खानपान व जीवनशैली से बीमारी को मात दी है।
नोएडा, आशीष धामा। Coronavirus: अगर जीने की चाह है तो जीवन सिर्फ आपका है। फिर कोई भी मुश्किल सामने आती है तो आपकी जिजीविषा ही उसे हराती है। ऐसा ही एक उदाहरण है ग्रेटर नोएडा के एल्फा-1 सेक्टर निवासी उमंग का, जिन्होंने कोरोना को हराकर घर वापसी की है। नाम को सार्थक किया है और अच्छे खानपान व जीवनशैली से बीमारी को मात दी है। इन्होंने करीब दस दिनों तक राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आइसोलेशन वार्ड में दिन-रात कोरोना से लड़ाई लड़ी, चिकित्सकों की सलाह मानी और बीमारी पर जीत हासिल की। पढ़िए इस जीत की कहानी खुद उमंग की जुबानी:
रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन रखा : नोएडा सेक्टर-62 की आइटी सेल कंपनी में काम करता हूं। छह मार्च को पत्नी व एक साल की बेटी के साथ न्यूयॉर्क घूमने गए थे। वहां से 17 मार्च को वापस घर लौट आए। सबसे पहले घर लौटने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी और परिवार समेत जांच कराने के बाद होम क्वारंटाइन हो गए। रिपोर्ट आने तक मैंने खुद को घर की छत पर बने कमरे में कैद रखा। दो दिन बाद स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट बताई। बेटी व पत्नी की नेगेटिव रिपोर्ट जानने के बाद जहां खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, वहीं खुद की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद घर का माहौल बदल गया।
अपनों ने बढ़ाया मनोबल : इस माहौल में स्वजनों ने मनोबल बढ़ाया और बीस मार्च को ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स में भर्ती हो गया। दस दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रहा और 30 मार्च को स्वस्थ होकर अपने घर लौट आया। एक अनुभव साझा करना चाहूंगा कि आइसोलेशन वार्ड कोई जेल नहीं है बल्कि बिल्कुल घर जैसा माहौल होता है। मेरा तो चिकित्सकों ने अभिभावकों की तरह हौसला बढ़ाया, तकलीफ हुई तो तत्काल निवारण किया। सच पूछो तो वार्ड में दस दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं चला। घर वापस आकर बेहतर महसूस कर रहा हूं लेकिन 14 दिनों तक स्वजनों से दूरी बनाए रखूंगा।
आपसे अपील : कोरोना वायरस का डरकर नहीं बल्कि मानसिक मजबूती से मुकाबला करें। समय पर उपचार से वायरस को मात दी जा सकती है। जरा भी लक्षण दिखाई दें तो स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दें। आइसोलेशन वार्ड में रहकर खुद के साथ-साथ परिवार व समाज दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है।