दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज तक पहुंचा कोरोना, 13 छात्र और 2 स्टाफ मेंबर्स पॉजिटिव
Delhi Coronavirus Alert ! जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक लक्षण नजर आने पर सेंट स्टीफंस कॉलेज में टेस्ट कराया गया था इसके बाद 13 छात्र-छात्राएं और 2 स्टाफ मेंबर्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सबका इलाज शुरू कर दिया गया है।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। ताजा मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सेंट स्टीफेंस कॉलेज में कोरोना वायरस संक्रमण ने दस्तक दे दी है। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, लक्षण नजर आने पर सेंट स्टीफंस कॉलेज में टेस्ट कराया गया था, इसके बाद 13 छात्र-छात्राएं और 2 स्टाफ मेंबर्स पॉजिटिव पाए गए हैं। यहां पर बता दें कि दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले में इजाफा हुआ है। इस बीच राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर बेकाबू होने की राह पर है। शुक्रवार को 24 घंटे के दौैरान 3594 नए मामले मिले, जो चार माह में सबसे ज्यादा हैं। इससे पहले चार दिसंबर को 4067 मामले आए थे। लिहाजा संक्रमण रोकने के लिए यदि सख्ती शुरू नहीं की गई तो हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं। नए मामले बढ़ने के साथ ही मौत के आंकड़े भी बढ़ने लगे हैं। स्थिति यह है कि पिछले 24 घंटे में 2084 मरीज ठीक हुए, लेकिन 14 मरीजों की मौत हो गई। 80 दिन में यह मौत का सबसे ज्यादा आंकड़ा है।
वहीं, कोरोना के संक्रमण में तेजी से वृद्धि के समय में जहां जांच रिपोर्ट जल्द मुहैया कराने और संक्रमित पाए जाने पर मरीज को तत्काल आइसोलेट करने की आवश्यकता है, वहां आरटीपीसीआर टेस्ट की जांच रिपोर्ट मिलने में तीन से चार दिन का समय लग रहा है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में सामने आया है।
यहां रहने वाले मोहम्मद असलम ने बीते मंगलवार को आरटीपीसीआर जांच के लिए अपना सैंपल बाटला हाउस में ही स्थित डिस्पेंसरी में दिया था। यहां से सैंपल जांच के लिए नोएडा स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (एनआइसीपीआर) की लैब में भेजा गया। दो दिन बीत जाने के बाद भी जब असलम की जांच रिपोर्ट नहीं आई तो उन्होंने इसके लिए डिस्पेंसरी के कई बार चक्कर लगाए। इसके बाद उन्हें शुक्रवार शाम को पांच बजे आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इससे तीन दिन पहले तक उनके संपर्क में रहे लोगों को भी परेशानी हो सकती है। असलम ने बताया कि अगर वह अपनी जांच रिपोर्ट के लिए डिस्पेंसरी के चक्कर नहीं लगाते तो इसके आने में एक दो दिन और लग जाते, जबकि जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर आनी चाहिए थी।
डॉ. अरुण पांडेय (सहायक प्रोफेसर, सफदरजंग अस्पताल) का कहना है कि दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने से लोगों को फिर से पहले की तरह जागरूक होने की जरूरत है। दिल्ली में अधिकांश सैंपल की जांच रिपोर्ट 24 घंटे में आ रही है। कसी को लक्षण हैं तो सैंपल देने के बाद तुरंत उसे खुद को तब तक आइसोलेट कर लेना चाहिए जब तक जांच रिपोर्ट न आ जाए। जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही आइसोलेशन से बाहर आना चाहिए।