Coronavirus Online Survey News: कोरोना के असर से ज्यादा इसका डर हो रहा हावी
Coronavirus Online Survey News राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने लॉकडाउन-1234 के दौरान एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। इस सर्वे में हर आयु वर्ग के लोगों से कोरोना काल में उनकी परेशानी पूछी।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Coronavirus Online Survey News: कोरोना काल में जनमानस पर इस महामारी के असर से अधिक इसका डर हावी रहा है। संक्रमण का डर 24 घंटे दिलोदिमाग पर छाया रहता है। इस डर ने न तो घर के भीतर उनका पीछा छोड़ा है और ना बाहर। इस महामारी के कारण लंबे समय तक चले लॉकडाउन ने ज्यादातर लोगों के सामने वित्तीय उलझने भी खड़ी कर दी हैं। इतना ही नहीं, कोरोना ने स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पर प्रिवेंटिव मेंटल हेल्थ कैंपेन की जरूरत भी उत्पन्न कर दी है।
दरअसल, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) ने लॉकडाउन-1,2,3,4 के दौरान एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। इस सर्वे में हर आयु वर्ग के लोगों से कोरोना काल में उनकी परेशानी व चिंता की वजह पूछी गई। ज्यादातर लोगों ने संक्रमण के डर की आशंका जताई तो बड़े पैमाने पर आम जन को इसकी भी चिंता थी कि लॉकडाउन के कारण भविष्य में उनके समक्ष जो आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होने वाली हैं, उनका समाधान कैसे निकलेगा?
इन और ऐसे अन्य सवालों का जवाब देने के लिए एनबीटी ने डॉ. जितेंद्र नागपाल, डॉ. हर्षिता, डॉ. मीना अरोड़ा, रेखा चौहान, लेफ्टिनेंट कर्नल तरुण उप्पल, सोनी सिद्धू एवं अपराजिता नागपाल सरीखे सात चिकित्सक-समाजशास्त्रियों का पैनल बनाया। इस पैनल ने महिला/मां/अभिभावक, युवा/ किशोर/बच्चे, कोरोना प्रभावित परिवार, दिव्यांग, 60 साल से अधिक के बुजुर्ग और कामकाजी लोगों की विभिन्न सात श्रेणियों में सात किताबें तैयार की हैं जो किताबें पीडीएफ फॉर्म में ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं और सामान्य रूप में भी। आमजन भी इन किताबों में अपनी परेशानियों का जवाब ढूंढ़ रहा है।
खास बात यह है कि इन किताबों में प्रिवेंटिव मेंटल हेल्थ केयर अभियान शुरू करने की जरूरत पर भी बल दिया गया है। विशेषज्ञ पैनल का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान लोगोें को मानसिक स्तर पर विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहे परिवार, आपसी भाईचारा, घरेलू खेल जैसे कारकों से लोगों को काफी संबल मिला है, लेकिन फिर भी सुझाव दिया गया है कि स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक एक ऐसा अभियान चलाया जाए जिससे कि मानसिक स्तर पर भी लोगों की इम्यूनिटी को बेहतर बनाया जा सके।
इस ऑनलाइन सर्वे में 28 राज्यों के करीब दो हजार लोगों ने भाग लिया। कुवैत, मलेशिया, सिंगापुर, अमेरिका और इंग्लैंड से भी लोगों के सवाल आए। बच्चों, अभिभावकों और कामकाजी लोगों का रिस्पांस ज्यादा रहा जबकि कोरोना प्रभावित परिवारों का सबसे कम आया।
युवराज मलिक (निदेशक, एनबीटी) का कहना है कि कोरोना संक्रमण एक विश्वव्यापी महामारी के रूप में सामने आया है। इसके लक्षण, कष्ट और उपचार सभी अध्ययन का विषय है। एनबीटी ने भी इस दिशा में प्रामाणिक अध्ययन उपलब्ध कराने की पहल की है। यह अध्ययन न केवल भावी पीढ़ी को कोराेना से वाकिफ कराएगा अपितु एक अहम दस्तावेज भी साबित होगा। इससे मन की उलझनें सुलझाने में खासी मदद मिलेगी।