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Coronavirus: अगर फिर से हो गया कोरोना संक्रमण तो न हो परेशान, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

लाखों संक्रमितों के बीच सिर्फ आठ लोगों में दोबारा संक्रमण की बात चिंताजनक नहीं है। अब तक के अनुभव से यही लग रहा है कि लोगों में दोबारा संक्रमण का खतरा नहीं है। लिहाजा पहली बार संक्रमण रोकने पर ही ध्यान देना होगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 03:42 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 03:42 PM (IST)
Coronavirus: अगर फिर से हो गया कोरोना संक्रमण तो न हो परेशान, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कोरोना का दोबारा संक्रमण खतरा नहीं (डेमो फोटो)

नई दिल्ली। हाल के दिनों में कोरोना के पुन: संक्रमण (रिइंफेक्शन) के कुछ मामले भी आए हैं। इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह बड़ा खतरा नहीं है। अब तक दुनिया भर में कोई ऐसा शोध सामने नहीं आया है, जिससे यह बात साबित हो कि पुन: संक्रमण बड़ी समस्या बन सकती है। इसलिए संक्रमण की रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई कब तक चलेगी, फिलहाल यह कहना मुश्किल है। इसलिए हम सभी को संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करते रहना होगा।

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देश में कोरोना के मामले 50 लाख को पार गए हैं। अभी मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। अब प्रतिदिन कोरोना के 90 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि बड़ी संख्या में जांच भी हो रही है। पिछले कुछ समय से प्रतिदिन 11 लाख से अधिक सैंपल की जांच हो रही है। इसलिए अधिक मरीज पहचान में आ रहे हैं। यह देखा गया है कि कोरोना से अत्यधिक प्रभावित दुनिया के सभी देशों में संक्रमण चरम पर पहुंचने के बाद मामले कम हुए हैं। यहां भी देश के सभी हिस्सों में अलग-अलग समय पर संक्रमण चरम पर पहुंचने के बाद मामले नीचे आएंगे।

कोरोना का टीका विकसित करने पर भी जोर-शोर से काम चल रहा है। हालांकि टीके की उम्मीद में हम लापरवाह नहीं हो सकते। जब तक टीका उपलब्ध नहीं होता तब तक मास्क लगाना, शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना व हाथ स्वच्छ रखना ही संक्रमण से बचाव का कारगर तरीका है। साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से भी बचना होगा। यह देखा जा रहा है कि कुछ लोग मास्क ठीक से नहीं पहनते। मास्क से नाक व मुंह दोनों ढ़क कर रखना जरूरी है। यदि मास्क नाक के नीचे है तो फिर मास्क लगाने का कोई फायदा नहीं है। इसके अलावा लोगों को भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। कई लोगों में दोबारा संक्रमण की बात सामने आ रही है। उनको लेकर भी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आइजीआइबी) द्वारा की गई जांच में नोएडा के दो लोगों में पुन: संक्रमण की पुष्टि हुई है। यदि देश भर में लाखों कोरोना संक्रमितों के बीच दो या आठ लोगों में दोबारा संक्रमण की पुष्टि हुई भी है तो यह चिंताजनक नहीं है। क्योंकि ऐसे मामले बहुत कम हैं। अब तक के अनुभव से यही लग रहा है कि ज्यादातर लोगों में दोबारा संक्रमण का खतरा नहीं है। कोरोना पीड़ित मरीज के ठीक होने के बाद दोबारा रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मतलब यह नहीं है कि दोबारा संक्रमण ही हुआ हो। उसके अन्य कई कारण हो सकते हैं। दोबारा संक्रमण का पता लगाने के लिए सिक्वेंसिंग करना पड़ता है। जब वायरस के न्यूक्लिक एसिड की सीक्वेंसिंग अलग निकले तब दोबारा संक्रमण माना जाता है। सबसे अहम बात यह है कि सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन हर कोई करे। जो कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं वे भी और जो संक्रमित नहीं हुए हैं उन्हें भी। क्योंकि संक्रमण हो या पुन: संक्रमण दोनों को रोकने का तरीका एक ही है नियमों का पालन करना।

(इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, नई दिल्ली के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल से संवाददाता राहुल चौहान की बातचीत पर आधारित)

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