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COVID-19 India News: कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाने के साथ-साथ मास्क का इस्तेमाल सबसे ज्यादा असरदार

नाइट कर्फ्यू या सप्ताहांत एक-दो दिन के लॉकडाउन से संक्रमण की गति थोड़ा कम करने में मदद मिलेगी लेकिन स्थायी रूप से इसका ज्यादा फायदा नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाने के साथ-साथ मास्क का इस्तेमाल सबसे ज्यादा असरदार है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 02:55 PM (IST)
COVID-19 India News: कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाने के साथ-साथ मास्क का इस्तेमाल सबसे ज्यादा असरदार
कोरोना से सुरक्षित रहने का सबसे बेहतर उपाय बचाव के नियमों का पालन है।

नई दिल्ली, रणविजय सिंह। कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर पिछले साल दुनिया भर के ज्यादातर देशों में बचाव के लिए लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाए गए। उससे यह सीख मिली कि इस तरह के सख्त कदम से भी कोरोना के संक्रमण को कुछ समय के लिए ही टाला जा सकता है। लॉकडाउन से देश को इलाज और जांच सुविधाएं बढ़ाने में जरूरी समय मिल गया। हालांकि पूर्ण लॉकडाउन या कुछ दिनों के लिए अस्थायी तौर पर लॉकडाउन लगाकर संक्रमण से पूरी तरह बचाव संभव नहीं है।

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दुनिया भर में लॉकडाउन की स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद पता चलेगा कि जहां लॉकडाउन लगा और जहां लॉकडाउन नहीं लगा वहां कुछ समय के बाद कमोबेश स्थिति एक जैसी ही रही। इसलिए नाइट कफ्यरू संक्रमण से बचाव में कारगर होगा इसका कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है। स्वीडन में कभी लॉकडाउन नहीं हुआ। इसके लिए शुरुआत में स्वीडन की आलोचना भी बहुत हुई। क्योंकि शुरुआत में वहां मृत्यु दर अधिक थी। एक साल बाद यूरोप में जर्मनी को छोड़कर बाकी देशों में की तुलना में स्वीडन में संक्रमण दर सबसे कम रही। शुरुआत में वहां मास्क पहनना भी अनिवार्य नहीं किया गया था। इसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा।

कोरोना का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। शादी समारोह सहित कई तरह के बड़े आयोजन भी रात्रि के समय होते हैं। नाइट कफ्यरू लगाने से रात के वक्त आयोजित होने वाले समारोहों पर रोक लगेगी। इसलिए लोगों का मिलना जुलना कम हो जाएगा। इससे संक्रमण की रफ्तार कम हो सकती है। लेकिन कोरोना इतना ज्यादा संक्रामक है कि कुछ समय बाद थोड़ी ढ़िलाई होने पर दोबारा फैलना लगता है। इसलिए सप्ताहांत के दिनों में भी कफ्यरू लगाने का खास फायदा नहीं है। अवकाश के दिन कफ्यरू से एक दिन तो संक्रमण के खतरे से हम बच सकते हैं लेकिन दूसरे दिन यह खतरा बरकरार रहेगा। पूर्ण लॉकडाउन के बाद भी संक्रमण को खत्म नहीं कर पाए तो नाइट कफ्यरू या एक दिन के कफ्यरू से फायदा नहीं होने वाला।

कोरोना से सुरक्षित रहने का सबसे बेहतर उपाय बचाव के नियमों का पालन है। यदि हर जगह सभी लोग मास्क पहने, घर से बाहर तभी निकलें जब आवश्यक हो तो यह ज्यादा असरदार होगा। यह बात वैज्ञानिक शोधों में भी साबित हो चुकी है और यह देखा गया है कि जब सभी लोग मास्क का इस्तेमाल करने लगते हैं तो संक्रमण तेजी से कम होता है। उम्मीद है कि इस नियम का पालन करने से संक्रमण बहुत तेजी से कम भी होगा। इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए अनावश्यक रूप से बाहर सड़क व बाजारों में भीड़ लगाने से बचना होगा। हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और बचाव के नियमों का पालन कर जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभानी होगी। अभी 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। इसलिए टीकाकरण के पात्र लोग टीका जल्द लगवा लें।

टीका लगाने के बाद भी कुछ लोग संक्रमित जरूर हो रहे हैं लेकिन यहां एक बात समझने की जरूरत है कि यह कभी नहीं दावा किया गया कि टीका लगाने के बाद संक्रमण नहीं होगा। टीका लगने के बाद भी कुछ लोग संक्रमित हो सकते हैं हालांकि बीमारी गंभीर नहीं होगी। संक्रमण बहुत हल्का होगा। इसके अलावा सड़कों व सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कम करने के लिए यात्रओं को सीमित करना होगा। इसके लिए जिन विभागों व कंपनियों में संभव हो वहां वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देना होगा। ताकि बचाव के साथ कामकाज व आíथक गतिविधियों को जारी रखा जा सके।

[अध्यक्ष, इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन और एम्स के प्रोफेसर, नई दिल्ली]


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