Lockdown: जनता को सहूलियतें उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी : गोपाल राय
Coronavirus lockdown आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक व दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय से खास बातचीत
नई दिल्ली। कोरोना के प्रकोप के चलते सभी लोग दहशत में है। कोरोना की चैन तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते गरीब व मजदूरों के सामने भोजन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। तमाम लोग अपने गांव की ओर भी चल दिए हैं। क्यों पैदा हुए हैं ऐसे हालात और लोगों को रोकने और उनकी सहूलियतों के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इन्ही सभी मुद्दों पर दैनिक जागरण के वीके शुक्ला ने बात की आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक व दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय से। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश।
कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए दिल्ली सरकार क्या कदम उठा रही है?
प्रधानमंत्री जी ने कोरोना की चैन तोड़ने के लिए पूरे देश मे लॉक डाउन किया है। कोरोना के प्रभाव को समाप्त करने के लिए लॉकडाउनका पालन करना बहुत जरूरी है। इसका पालन न करने पर हम लोगों के जीवन के सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। प्रधानमंत्री जी ने साफ कहा है कि जान है तो जहान है। कोरोना तीसरे चरण में प्रवेश करने जा रहा है जो अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। हम लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं।
आप ने कहा कि लॉकडाउन का पालन होना चाहिए। मगर आप ने भी देखा कि शनिवार को हजारों लोग लॉकडाउन में आनंद विहार बस अड्डे के पास पहुंच गए। क्या कहेंगे?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बार बार लोगों से अपील के रहे हैं कि वे दिल्ली छोड़ कर न जाएं। सभी सहूलियतें उन्हें दी जाएंगी। सब कुछ सामान्य चल रहा था। लोग मन भी बना रहे थे कि यहीं रह जाएंगे। मगर पूरी समस्या उत्तर प्रदेश सरकार के संदेश से हुई। लोगों को बताया गया कि उत्तर प्रदेश के जो लोग अपने घरों को जाना चाहते हैं उनके लिए लाल कुआं से बसें मिलेगी। फिर इस तरह की बातें सामने आईं कि उत्तर प्रदेश सरकार 1000 बसें चलाने जा रही है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग आनंद विहार बस अड्डे पर पहुंच गए। हम लोगों को जब पता चला कि लोग आनंद विहार बस अड्डा जा रहे हैं तो हम लोगों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। सरकार के कैबिनेट मंत्री व विधायक भी उन्हें समझाने पहुंचे। कुच लोग तो मान भी गए।। मगर अधिकतर लोग अपने घर जाने पर आमादा थे।
लोग घर क्यों जाना चाहते हैं, दिल्ली में रहकर उन्हें क्या परेशानी है?
अनेक लोगों से इस बारे में बात हुई है कि क्यों घर जाना चाहते हैं। बातचीत में यह बात सामने आ रही है कि लोगों को लग रहा है कि लॉकडाउन लंबा खिचेंगा। काम धंधा नही है तो वे लोग यहां क्या करेंगे। दूसरा उनके घरों से फोन आ रहे हैं कि घर क्यों नही आ जाते जब वहां सब ठप हैं। ऐसे में लोग निकल पड़े। हमने यह भी लोगों से पूछा कि सरकार उनके लिए सभी कुछ कर रही है तो क्यों जा रहे हैं तो उनका कहना था कि सरकार अच्छा कर रही है। उन्हें सरकार से शिकायत नही है।
लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से लोगों के भोजन के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?
दिल्ली की सरकार पहली सरकार है जिसने लॉकडाउन के दौरान सबसे जल्दी और प्रभावी फैसले लिए। आज हम 4 लाख लोगों को भोजन करा रहे हैं। लोगों के रहने के लिए रैन बसेरे रात दिन के लिए शुरू कर दिए गए।जिन लोगों के पास रहने का इंतजाम नही था उनके लिए स्कुलों में व्यवस्था की जा रही है। अप्रैल की पेंशन डबल कर दी गई है और लोगो के खाते में भी पैसे डाल दिए गए हैं। जिन लोगों को राशन मिलता था उन्हें साढ़े चार किलो राशन की जगह साढ़े सात किलो राशन दिया जा रहा है। वह भी पूरा का पूरा मुफ्त कर दिया गया है। राशन की दुकानें सातों दिन खुलेंगी। अप्रैल का राशन अभी से दिया जा रहा है। इस सब के पीछे यही मकसद है कि लोगों को परेशानी न हो और वे घर से नही निकलें। क्योंकि कोरोना एक बार फैल गया तो उसे संभालना मुश्किल होगा।
दिल्ली में एक बड़ा वर्ग मजदूरों का है। इस वर्ग के लिए क्या कर रहे हैं?
देखिए निर्माण मजदूरों को 5000 हजार देने की घोषणा सरकार ने की है। जल्द की उनके खाते में यह रकम चली जाएगी। इसके अलावा जो मजदूर जहां रह रहा है उसे वहीं भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों की लिए नियमित शिविर शुरू होने जा रहे हैं।
लॉकडाउन को लेकर जनता को।क्या संदेश देना चाहेंगे?
हम लोगों से हाथ जोड़ कर विनती करते हैं कि लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में ही रहें। बाहर न निकलें। दिल्ली सरकार आप के साथ खड़ी है। जिन लोगों के पास साधनों की कमी है। उनके लिए भोजन का इंतजाम किया गया है। रहने की व्यवस्था की जा रही है। इटली अमेरिका का हाल पूरी दुनिया देख रही है। अगर कोरोना फैल गया तो बहुत मुश्किल हो जाएगी। इसलिए इसकी चैन टूटनी जरूरी है।
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