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Coronavirus: नई क्वारंटाइन गाइडलाइंस के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नई क्वारंटाइन गाइडलाइंस के खिलाफ शुक्रवार को कई केंद्रीय और शहर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 07:59 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 07:59 AM (IST)
Coronavirus: नई क्वारंटाइन गाइडलाइंस के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध
Coronavirus: नई क्वारंटाइन गाइडलाइंस के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नई क्वारंटाइन गाइडलाइंस के खिलाफ शुक्रवार को कई  केंद्रीय और शहर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया। गौरतलब है कि 15 मई को जारी नई क्वारंटाइन गाइडलाइंस के मुताबिक स्वास्थ्यकर्मियों को तब तक क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं जब तक पीपीइ किट के इस्तेमाल का उल्लंघन न हुआ हो, संक्रमित होना बहुत बड़ा रिस्क न हो या उनमें कोरोना वायरस (COVID-19)के लक्षण न हो।   

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पिछले कुछ दिनों में कई अस्पतालों ने क्वारंटाइन पीरियड के दौरान होटलों में रह रहे अपने स्वास्थ्यकर्मियों से कहा था कि वे कमरे तुरंत खाली कर दें। ऐसा न करने पर ओवरस्टे का चार्ज उनके वेतन से काटने की बात की गई थी।  स्वास्थ्यकर्मियों ने नई गाइडलाइन के खिलाफ आपत्ति जाहिर की काली पट्टी बांधकर विरोध किया। 

ब्लैक रिबन प्रोटेस्ट का आह्वान

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने  कोवीड-19 ड्यूटी पर सभी हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए उचित क्वारंटाइन और टेस्ट की मांग के लिए  ब्लैक रिबन प्रोटेस्ट का आह्वान किया है। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को भी पत्र लिखकर कहा है कि दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग की गई है। 

क्वारंटाइन रहने और टेस्ट कराने की आवश्यक

फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. शिवाजी देव बर्मन ने कहा, ' मौजूदा स्थिति के तहत कोरोना से लड़ रहे सभी डॉक्टरों को कम से कम सात दिन तक क्वारंटाइन रहने और टेस्ट कराने की आवश्यकता है। यह कदम ड्यूटी के बाद सहयोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक है।'

अस्पतालों में सर्कुलर जारी 

 दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज ने गुरुवार को एक सर्कुलर जारी करके कहा कि पोस्ट-ड्यूटी पीरियड के बाद क्वारंटीन फैसिलिटी छोड़ने के लिए कहा गया। इसके अलावा यह भी कहा गया कि अगर इसके बाद भी कोई इन सुविधाओं को नहीं छोड़ता है, तो इसका खर्चा उनके सैलरी से काट लिया जाएगा। जो स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी पर हैं उनके लिए नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें ये सुविधाएं मिलती रहेंगी। आरएमएल अस्पताल प्रशासन ने भी इसी तरह का एक सर्कुलर जारी किया है। मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने भी इस फैसले के विरोध में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।

आदेश में संशोधन करने की अपील

आरडीए ने अपने बयान में कहा कि डॉक्टरों के तौर पर हम कभी भी अपने कर्तव्यों से भागते नहीं हैं और इस महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में काम करना गर्व की बात है। लेकिन जवाब में, सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारंटाइन प्रदान नहीं कर रही है। हमारे कुछ साथी डॉक्टर 11 वें से 14 वें दिन भी कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इसलिए, हम सरकार से इस पर गौर करने और आदेश में संशोधन करने की अपील करते हैं।


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