Coronavirus : आइआइटी दिल्ली ने तैयार की बेहद कम कीमत वाली Covid -19 जांच किट, HRD मंत्री ने दी बधाई
Coronavirus आइआइटी दिल्ली पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है जिसे पीसीआर-आधारित किट के लिए आइसीएमआर से मंजूरी मिली है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता/एएनआइ। देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान में कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (केएसबीएस) के शोधकर्ताओं ने Covid-19 की पहचान के लिए जो किट तैयार की है उसे इंडियन कॉउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने मंजूरी दे दी है। आइआइटी दिल्ली पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है जिसे पीसीआर-आधारित किट के लिए आइसीएमआर से मंजूरी मिली है। आइआइटी दिल्ली के प्रोफेसर विवेकानंद पेरुमल ने बताया कि हमने इस पर जनवरी के अंत में काम शुरू किया था और तीन महीने के भीतर तैयार कर ली गई। यह किट जल्द ही बाजार में आ सकती है। यह बेहद कम कीमत पर लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
Covid-19 की पहचान तकनीक विकसित करने के लिए एचआरडी मंत्री ने दी बधाई
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (एमएचआरडी) रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शुक्रवार को Covid-19 की सस्ते दाम पर पहचान करने के लिए तैयार की गई तकनीक विकसित करने के लिए नई दिल्ली स्थित शास्त्री भवन में आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव व शोधकर्ताओं की सराहना की और उनको बधाई दी।
एचआरडी मंत्री ने कहा कि एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए, आइआइटी दिल्ली ने कोविड-19 की किफायती जांच किट बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल काउंसिल फॉर रिसर्च (आइसीएमआर) द्वारा मंजूर कोविड-19 के लिए यह पहला जांच-मुक्त असे (तकनीक) है। आइआइटी दिल्ली द्वारा तैयार कोविड-19 जांच किट मेक इन इंडिया पहल की तर्ज पर है।
शुक्रवार को हुई इस बैठक में मंत्रालय में एमएचआरडी के सचिव अमित खरे, अपर सचिव राकेश सरवाल और आइआइटी दिल्ली के निदेशक रामगोपाल राव और विवेकानंद पेरुमल और डॉ. मनोज मेनन के नेतृत्व में आइआइटी दिल्ली के वैज्ञानिकों की एक टीम उपस्थित थी।
निशंक ने कहा कि संस्थान के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (केएसबीएस) के शोधकर्ताओं को मैं बधाई देता हूं। यह जानकर खुशी हुई कि आइसीएमआर ने 100 फीसदी की संवेदनशीलता और विशेषता के साथ असे को विधि मान्य कर दिया है। आइआइटी दिल्ली पहला ऐसा शैक्षणिक संस्थान है जिसने वास्तविक समय में पीसीआर-आधारित नैदानिक असे केलिए आइसीएमआर की मंजूरी हासिल की है।