Coronavirus News Update: दिल्ली में वायु प्रदूषण में इजाफा होने के साथ बढ़े कोरोना के मामले
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मरीजों के ठीक होने की दर 91.14 फीसद है। फिलहाल कोरोना के 5034 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं कोविड केयर सेंटर में 910 व कोविड हेल्थ सेंटर में 307 मरीज भर्ती हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ-साथ कोरोना के संक्रमण दर में भी वृद्धि देखी जा रही है। रविवार को सामान्य दिनों के मुकाबले थोड़े कम सैंपल की जांच होने के बावजूद 3299 नए मामले आए। वहीं संक्रमण दर 5.85 फीसद से बढ़कर 6.68 फीसद हो गई। पिछले 24 घंटे में 2763 मरीज ठीक हुए। वहीं 28 मरीजों की मौत हो गई। इस वजह से दिल्ली में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 6009 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मरीजों के ठीक होने की दर 91.14 फीसद है। फिलहाल कोरोना के 5034 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं कोविड केयर सेंटर में 910 व कोविड हेल्थ सेंटर में 307 मरीज भर्ती हैं। होम आइसोलेशन में 13,742 मरीज हैं।
आरटीपीसीआर जांच के लिए सभी सेंटरों पर सैंपल लेने की सुविधा
सभी 310 कोरोना जांच सेंटरों पर आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। इन सेंटरों पर सिर्फ एंटीजन जांच होती है। जिसकी रिपोर्ट आधे घंटे के अंदर मिल जाती है। ऐसे में आरटीपीसीआर जांच के लिए यहां लिए गए सैंपल लैब में भेजे जाते हैं। पहले लक्षण वाले मरीजों की एंटीजन जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही दोबारा आरटीपीसीआर जांच कराई जाती थी। इस वजह से आरटीपीसीआर जांच कम हो रही थी। एंटीजन जांच में कई लोगों की गलत रिपोर्ट आ रही थी। इस वजह से आरटीपीसीआर जांच बढ़ाने की मांग उठ रही थी। हाई कोर्ट ने भी आरटीपीसीआर जांच बढ़ाने का निर्देश दिया था। इसके मद्देनजर पिछले कुछ दिनों से आरटीपीसीआर जांच बढ़ा दी गई है। मौजूदा समय में दिल्ली में 77 लैबों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा है।
50-55 फीसद बढ़ी आरटीपीसीआर जांच
राजधानी दिल्ली में अब तक कुल 39 लाख 90 हजार 438 सैंपल की जांच हुई है। पिछले 24 घंटे में ही 49,414 सैंपल की जांच हुई। जिसमें से 14,506 सैंपल की आरटीपीसीआर व 34,908 सैंपल की एंटीजन जांच हुई। दिल्ली में 16 सितंबर को सर्वाधिक 4473 कोरोना के मामले आए थे। तक एक दिन में 62,593 सैंपल की जांच हुई थी। जिसमें से 11,275 सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की गई थी। उस दौरान प्रतिदिन औसतन 10 हजार सैंपल की आरटीपीसीआर जांच हो रही थी। अब करीब 15,500 सैंपल की आरटीपीसीआर जांच होने लगी है। इस तरह आरटीपीसीआर जांच 50 से 55 फीसद बढ़ गई है।
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