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दिल्ली की रोहिणी जेल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कोरोना पॉजिटिव, कई लोगों के संपर्क में आने की आशंका

Coronavirus रोहिणी जेल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट अशोक मल्होत्रा कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 01:59 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 01:59 PM (IST)
दिल्ली की रोहिणी जेल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कोरोना पॉजिटिव, कई लोगों के संपर्क में आने की आशंका
दिल्ली की रोहिणी जेल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कोरोना पॉजिटिव, कई लोगों के संपर्क में आने की आशंका

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की रोहिणी जेल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट अशोक मल्होत्रा कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं। बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल के रेजिडेंस ब्लॉक में अशोक मल्होत्रा का पूरा परिवार रहता है। इसकी वजह से कई लोगों के संपर्क में आने की संभावना जताई जा रही है।

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जेल अधिकारी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों की भी पहचान की जा रही है। 

कृषि भवन में पासवान का दफ्तर व खाद्य मंत्रलाय सील

नीति आयोग और शास्त्री भवन के बाद कोरोना संक्रमण ने अब कृषि भवन में भी दस्तक दे दी है। एक अधिकारी के संक्रमित पाए जाने के बाद कृषि भवन में स्थित खाद्य मंत्री रामविलास पासवान के दफ्तर के साथ-साथ खाद्य मंत्रालय को भी सील कर दिया गया। भवन के इस हिस्से को बुधवार तक पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा।

एम्स में 92 कर्मचारी कोरोना से पीड़ित

अस्पतालों में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से पीड़ित हो रहे हैं। इससे एम्स भी अछूता नहीं है। यहां प्रतिदिन तीन-चार नए मामले मिल रहे हैं। यहां कोरोना से पीड़ित कर्मचारियों की संख्या करीब 92 हो गई है। हालांकि, डॉक्टर इसके चपेट में कम आए हैं। एम्स प्रशासन के अनुसार यहां एक फैकल्टी, दो रेजिडेंट डॉक्टर, 13 नर्सिंग कर्मचारी, तीन तकनीशियन, 11 नर्सिंग अर्दली, 12 सफाई कर्मचारी, 45 सुरक्षा गार्ड व अन्य कर्मचारी कोरोना से पीड़ित हैं।

दूसरे रोगों से पीड़ित को भी कोरोना संदिग्ध मानकर करें इलाज

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी गैर कोविड-19 अस्पतालों में अनिवार्य रूप से फ्लू क्लीनिक चलाने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि दूसरे रोगों से पीड़ित मरीजों को भी कोरोना का संदिग्ध मानकर इलाज करें और बचाव के नियमों का पालन करें, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके। साथ ही अस्पतालों को यह भी कहा गया है कि डॉक्टर व कर्मचारियों के अस्पताल में आवागमन के लिए विशेष कॉरिडोर (ग्रीन कॉरिडोर) और कोरोना के मरीजों के लिए अलग कॉरिडोर (यलो कॉरिडोर) चिह्नित करने का निर्देश दिया है।

दरअसल, कोरोना का लक्षण फ्लू, अस्थमा व ब्रोंकाइटिस से मिलता जुलता है। इससे कोरोना मरीजों को पहचानना मुश्किल होता है।


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