Move to Jagran APP

Coronavirus : सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर और नर्स समेत 108 लोगों का स्टाफ क्वारंटाइन सेंटर में

Coronavirus दिल्ली के नामी सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों समेत 108 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 11:29 AM (IST)
Coronavirus : सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर और नर्स समेत 108 लोगों का स्टाफ क्वारंटाइन सेंटर में
Coronavirus : सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर और नर्स समेत 108 लोगों का स्टाफ क्वारंटाइन सेंटर में

नई दिल्ली, एएनआइ। Coronavirus: देश की राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों के साथ नर्सिंग स्टाफ भी कोरोना वायरस की चपेट में आते जा रहे हैं। ताजा मामले में दिल्ली के नामी सर गंगा राम अस्पताल का है। यहां के डॉक्टरों और नर्सों समेत 108 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, सभी अस्पताल से जुड़े हुए हैं।

loksabha election banner

बताया जा रहा है कि क्वारंटाइन सेंटर में गए डॉक्टर और नर्स समेत 108 लोगों को इसलिए क्वारंटाइन किया गया है, क्योंकि  ये सभी दो कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को संपर्क में आए थे, जिनकी दूसरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। इन 109 लोगों में से 85 लोग घर में क्वारंटाइन हैं तो बाकी बचे 23 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां पर सभी 23 लोगों की गहन जांच की जा रही है। 

वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार के अस्पतालों में फिलहाल इंतजाम दुरुस्त नजर आ रहे हैं। कोरोना से निपटने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने पांच अस्पतालों को अधिकृत किया है। वहीं राजधानी में मौजूद केंद्र के चारों बडे़ अस्पतालों में भी इससे निपटने की व्यवस्था की गई है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों में 243 वेंटिलेटर की व्यवस्था की है।मौजूदा परिस्थिति में तो यह पर्याप्त है। लेकिन यदि संक्रमण ज्यादा बढ़ा और हालत बिगडे़ तो वेंटिलेटर कम पड़ सकते हैं। हालांकि जरूरत पड़ने पर वेंटिलेटर बढ़ाने की योजना है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना के लिए अधिकृत अस्पतालों में मौजूदा समय में 3261 किट हैं। ऐसे में फिलहाल डॉक्टरों व नर्सों को पीपीई किट उपलब्ध हो पा रही है। अभी सिर्फ कोरोना के इलाज के लिए गठित टीम के सदस्यों को ही एन 95 मास्क उपलब्ध हो पा रहा है।दिल्ली नर्सेज फेडरेशन के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने कहा कि अस्पतालों में एन-95 मास्क की बहुत कमी है। कोरोना के वार्ड में कार्यरत कर्मचारियों को तो यह उपलब्ध हो पा रहा है लेकिन इमरजेंसी के आइसीयू में कार्यरत कर्मचारियों को एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जबकि इमरजेंसी में कोरोना के संदिग्ध मरीज भी पहुंच रहे हैं। इससे इमरजेंसी में काम करने वाले डॉक्टरों व नर्सिंग कर्मचारियों को भी संक्रमण का खतरा है।

वेंटिलेटर की कमी बता रहे विशेषज्ञ सोशल

ज्यूरिस्ट एनजीओ के संस्थापक अशोक अग्रवाल ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पहले ही वेंटिलेटर की कमी है। निजी अस्पतालों में 35 फीसद तक आइसीयू बेड हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में कुल बेड का पांच फीसद भी आइसीयू बेड नहीं है। अदालत ने सरकारी अस्पतालों में कुल बेड का 10 फीसद आइसीयू बेड सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था, जिस पर अमल करने की जरूरत है।

बढ़ेंगे वेंटिलेटर

कोरोना से निपटने के लिए तैयार स्वास्थ्य विभाग की योजना के अनुसार सिर्फ 14 से 15 फीसद मरीजों की ही स्थिति गंभीर होती है, जिसमें से पांच फीसद मरीजों को आइसीयू बेड की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में मामले बढ़ने पर लोकनायक अस्पताल में 200 वेंटिलेटर की व्यवस्था की जा सकती है। वहीं राजीव गांधी अस्पताल में भी वेंटिलेटर बढ़ाए जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.