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Corona Warrior In Delhi: कोरोना वायरस से जूझते हुए प्राणों की आहुति देकर अमर हो गए कोरोना योद्धा

लाकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस के अधिकारी से लेकर सिपाही तक सड़क पर मौजूद रहे। पुलिसकर्मी घरों में कैद लोगों तक खाना और संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाते रहे। इनके बीच सफाई का मोर्चा संभालने वाले कर्मचारी भी अपनी जान-जोखिम में डालकर सेवा करते रहे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 12:05 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 12:05 PM (IST)
Corona Warrior In Delhi: कोरोना वायरस से जूझते हुए प्राणों की आहुति देकर अमर हो गए कोरोना योद्धा
डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों ने इस चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। घड़ी की सुई को एक साल पीछे ले जाएं तो मन सिहर उठता है। खौफ और डर के साये में गुजर रही जिंदगी की तस्वीरें मन को कचोटने लगती हैं। 23 मार्च 2020 को लाकडाउन की घोषणा के बाद पूरा देश थम गया था। सभी घरों में कैद हो गए थे, लेकिन वैश्विक स्तर पर चुनौती बनी कोरोना के सामने जो चट्टान की तरह खड़े रहे और अपने प्राणों की आहुति दी, वह अमर हो गए। सरहद पर दुश्मनों से लोहा लेते शहादत देने वाले जवानों की तरह ही देश के अंदर दुश्मन बनकर दाखिल हुए वायरस से जूझते हुए कोरोना योद्धाओं ने जान की बाजी लगा दी।

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अस्पतालों में लोगों की जान बचाने के लिए डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों ने वायरस की तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए दिन-रात इलाज किया। हर दिन सैकड़ों की संख्या में कोरोना की चपेट में आ रहे लोगों का इलाज करना बड़ी चुनौती थी। वायरस से खुद भी संक्रमित होने का डर था। न दवा थी, न संसाधन ही थे, लेकिन डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों ने इस चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया। 

इन्होंने दी शहादत

  • डाक्टर- 40
  • दिल्ली पुलिस - दो इंस्पेक्टर समेत 19 पुलिस कर्मी
  • शिक्षक व कर्मचारी - उत्तर दिल्ली नगर निगम - 35
  • कर्मचारी - दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 16
  • कर्मचारी - पूर्वी दिल्ली नगर निगम -02

79 साल की उम्र में भी इलाज करते रहे थे डा. जितेंद्र नाथ

79 साल की उम्र में भी एम्स से सेवानिवृत्त डा. जितेंद्र नाथ पांडे मरीजों के इलाज में जुटे थे। कोरोना से पीड़ित होने के कारण मई-2020 में उनका निधन हो गया। मरणोपरांत उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। वह उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद के रहने वाले थे।

डा. हितेश ने निभाई जिम्मेदारी

कड़कड़डूमा स्थित डिस्पेंसरी में कार्यरत रहे डा. हितेश गुप्ता ने संक्रमितों के इलाज की जिम्मेदारी निभाई, लेकिन तीन नवंबर 2020 को वह कोरोना से जंग हार गए। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा।

मरीजों की सेवा में रहे तत्पर

लोकनायक अस्पताल के आइसीयू प्रमुख रहे डा. असीम गुप्ता तीन जून 2020 को संक्रमित हो गए और 28 जून को साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में उनका निधन हो गया। वह लगातार मरीजों के उपचार में लगे रहे। मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने असीम के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता दी थी।

इंस्पेक्टर संजीव को उत्कृष्ट सेवा के लिए मिला सम्मान

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के साउथ वेस्ट रेंज (जनकपुरी) में तैनात इंस्पेक्टर संजीव कुमार यादव की भी कोरोना से मौत हुई। उन्हें 26 जनवरी 2020 को पुलिस मेडल फार गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था।


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