कोरोना ने बिगाड़ा चांदनी चौक के जायकों का स्वाद, पराठे वाली गली में 75 फीसद कम हुए ग्राहक
पुरानी दिल्ली में खाने-पीने की दुकान करने वाले लोगों का कहना है कि बाजार में 75 फीसद कम लोग आ रहे हैं जिसके कारण उनकी दुकानदारी नहीं हो पा रही है।
नई दिल्ली (राहुल सिंह)। कोरोना वायरस ना केवल लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा है, बल्कि अब यह वायरस लोगों के जायके का स्वाद भी बिगाड़ने में कामयाब हो रहा है। कोरोना के ही असर के चलते पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में लोग अब पराठे, चाट, पकौड़ी, मीठे व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। पुरानी दिल्ली में खाने-पीने की दुकान करने वाले लोगों का कहना है कि बाजार में 75 फीसद कम लोग आ रहे हैं, जिसके कारण उनकी दुकानदारी नहीं हो पा रही है। दुकानदारों की मानें तो कोरोना के कारण उनका खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है।
यहां मिलते है 50 अलग-अलग तरह के पराठे
दुकानदार हरिकिशन शर्मा का कहना है कि चांदनी चौक स्थित पराठे वाली गली भी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। यहां साल 1872 से दुकानें लगती हैं और इन ऐतिहासिक दुकानों पर पूर्व जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी व बॉलीवुड के कई सितारे पराठों का जायका ले चुके हैं। पराठे वाली गली में करीब 50 तरह के पराठों की अलग-अलग वैराइटी मिलती हैं, जिन्हें तवों पर नहीं बल्कि कढ़ाई में बनाया जाता है।
जारी है कोरोना का कहर
उन्होंने बताया कि इन दिनों कोरोना का कहर पूरे दिल्ली समेत पूरे देश में फैला हुआ है, जिसके डर से लोग अब चांदनी चौक में पराठे के स्वाद लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। ग्राहकों की संख्या में 75 फीसद की कमी आई है, जिसके कारण बिक्री कम हो रही है। कारीगर दिनभर खाली रहते हैं।
काफी कम हो गई ग्राहकों की संख्या
वहीं, पराठे की दुकान करने वाले बिजेंद्र शर्मा का कहना है कि ग्राहकों की संख्या बहुत कम हो गई है। इसके कारण अब दुकान का खर्चा निकलना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस बाजार में लोगों को पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, लेकिन अब पराठे वाली गली खाली पड़ी है।
जलेबी वाले का काफी नुकसान
वहीं, जलेबी के लिए मशहूर जलेबीवाला के नाम से चांदनी चौक में दुकान करने वाले अभिषेक जैन का कहना है कि ग्राहकों की संख्या 85 फीसद कम हो गई है। कोरोना के कारण बिक्री पर बड़ा असर पड़ा है। लोग चांदनी चौक तक नहीं आ रहे हैं। वहीं, छोले भटूरे और चाट पकौड़ी की कई दुकानें भी पूरी तरह से खाली पड़ी हैं। इसके अलावा कंवरजी हलवाई के यहां भी ग्राहकों की संख्या में कमी आई है, जहां हमेशा लोग मिठाइयों और गजक का स्वाद चखने के लिए आते थे।