Delhi Air Pollution: दिल्ली में बेहतर तालमेल से खत्म होंगे वायु प्रदूषण के हॉट स्पॉट
बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए यातायात पुलिस यातायात के बेहतर संचालन पर ज्यादा ध्यान दे रही है ताकि किसी भी इलाके में जाम न लगने पाए। सुबह-शाम जाम न लगने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। जाम न लगने से प्रदूषण में स्वत ही कमी आएगी।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण गहरा रहा है। इसका एक प्रमुख कारण यातायात जाम व लाल बत्ती पर अधिक देर तक वाहनों के खड़े रहने के दौरान निकलने वाला धुआं भी है। यातायात पुलिस इसे नियंत्रित करने को लेकर कितना गंभीर है? उसके पास हॉट स्पॉट खत्म करने के लिए क्या योजना है? इन्हीं बिंदुओं पर यातायात पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डॉ. एके सिंगला से राकेश कुमार सिंह ने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश...।
-वाहनों का ईंधन जलने से होने वाला धुआं दिल्ली में वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। यातायात पुलिस इसे कैसे देखती है?
दिल्ली में वाहनों की संख्या बीते कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है। जब वाहनों की संख्या बढ़ेगी तो सड़कों पर यातायात का दबाव भी बढ़ना स्वाभाविक है। दिल्ली के अमूमन सभी यातायात सर्किल में यातायात का दबाव काफी अधिक रहता है। ऐसे में बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए यातायात पुलिस यातायात के बेहतर संचालन पर ज्यादा ध्यान दे रही है, ताकि किसी भी इलाके में जाम न लगने पाए। सुबह और शाम के समय जाम न लगने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। जाम न लगने से प्रदूषण में स्वत: ही कमी आएगी। सभी चौराहों पर यातायात कर्मियों की तैनाती की जा रही है। चौराहे पर तैनात कर्मी यातायात के दबाव के हिसाब से इलेक्ट्रॉनिक या मैन्युअल तरीके से यातायात का संचालन कर रहे हैं। प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए यातायात पुलिस को पूरी तरह अलर्ट कर दिया गया है।
यातायात पुलिस के अनुसार दिल्ली में ऐसे कितने स्थान हैं, जहां यातायात जाम के कारण वायु प्रदूषण होता है? इसके समाधान के लिए क्या योजना है?
दिल्ली में 71 ऐसे कॉरिडोर हैं, जहां अक्सर भीषण जाम लगता है। यातायात पुलिस ने अधिक जाम लगने वाले कॉरिडोर को ए श्रेणी व उससे कम जाम लगने वाले कॉरिडोर को बी श्रेणी में रखा गया है। इन दिनों हर रोज यायातात पुलिस की प्राथमिकता उक्त कॉरिडोर पर जाम न लगने देने की होती है। इसके लिए सबसे अधिक यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती उक्त जगहों पर की जा रही है। उक्त कॉरिडोर पर स्टाफ है या नहीं, है तो वे अलर्ट हैं या नहीं., इसपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यातायात पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी सभी कॉरिडोर प्वाइंट का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। अक्सर किसी न किसी वजह से बिजली गुल हो जाने की समस्या भी आती है। ऐसे में अलर्ट यातायात कर्मी मैन्युअल तरीके से यातायात का संचालन शुरू कर देते हैं। यातायात संचालन में किसी भी तरह की बाधा आने पर उसे जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश की जाती है। कई चौराहों पर हाथों में बैनर लेकर भी यातायातकर्मी वाहन चालकों को जागरूक कर रहे हैं।
राजधानी दिल्ली में 13 क्षेत्र कई साल से हॉट स्पॉट बने हुए हैं, जबकि अब नए पांच हॉट स्पॉट और बन गए हैं। वर्षों से बने हॉट स्पॉट अबतक खत्म क्यों नहीं किए जा सके?
यातायात पुलिस इसमें विफल क्यों नजर आती है? हॉट स्पॉट खत्म करना अकेले यातायात पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। इसके लिए यातायात पुलिस के साथ सभी संबंधित सिविक एजेंसियों जैसे नगर निगम, एनडीएमसी, केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति व राजस्व विभाग आदि को मिलकर काम करना होगा। सभी एजेंसियां इस दिशा में लगातार काम कर रही हैं। हालांकि, सभी में बेहतर तालमेल की जरूरत है, तभी हॉट स्पॉट को जल्द खत्म किया जा सकता है।
अब इस वर्ष इन सभी हॉट स्पॉट पर यातायात जाम दूर करने के लिए यातायात पुलिस ने क्या कोई विशेष योजना बनाई है?
इसके लिए यातायात कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। दिन के समय सुबह व शाम दो शिफ्टों में यातायातकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। रात में क्यूआरटी (क्विक रेस्पांस टीम) की ड्यूटी लगाई गई है। कोशिश की जा रही कि हॉट स्पॉट के आसपास किसी को अवैध तरीके से वाहन पार्क न करने दिया जाए। हॉट स्पॉट से गुजरने वाले वाहनों की चेकिंग की जाती है कि कूड़ा, रेत आदि लेकर कोई ट्रक न जा रहा हो। देखा जाता है कि वाहनों के पास प्रदूषण प्रमाणपत्र है या नहीं। 10 व 15 साल पुराने वाहन तो नहीं चल रहे हैं। सड़कों के किनारे रेहड़ी-पटरी तो नहीं लगाई गई है। टीआइ व एसीपी समेत तमाम अधिकारी सड़कों पर गश्त कर चे¨कग करते हैं। इसकी रोज उच्च स्तर पर निगरानी की जा रही है। यातायात कर्मियों को उक्त सभी उपाय करने को कहा गया है, ताकि प्रदूषण के स्तर में कमी आए।
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