नमाज पढ़ने को लेकर फिर गरमाया माहौल, हिन्दू संगठनों ने नहीं किया विरोध, जानें- पूरा मामला
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार से मुलाकात की। सभी ने एक सुर से कहा कि वे भी इस देश के नागरिक हैं। क्या उन्हें अपने देश में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं।
गुरुग्राम [जेएनएन]। खुले में नमाज पढ़ने को लेकर एक बार फिर मामला गरमा गया है। इस बार मामला हिन्दू संगठनों के विरोध के चलते नहीं बल्कि पुलिस की कार्रवाई की वजह से गरमाया है। मुस्लिम समुदाय का कहना है कि शहर में जिन 37 स्थानों को नमाज पढ़ने के लिए निर्धारित किया गया है, उनमें बसई चौक का स्थान भी शामिल है। इसके बाद भी शुक्रवार को नमाज पढ़ रहे लोगों को सेक्टर 9ए थाना पुलिस ने भगा दिया। साथ ही नमाज पढ़ा रहे इमाम को पीसीआर में उठाकर ले गए। उन्हें एक घंटे तक थाने में रखा गया।
क्या देश में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं
इसे लेकर समुदाय के लोगों ने शनिवार को पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार से मुलाकात की। सभी ने एक सुर से कहा कि वे भी इस देश के नागरिक हैं। क्या उन्हें अपने देश में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं? इस पर सुमित कुमार ने कहा कि यदि पुलिसकर्मियों ने गलत किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही लोगों से कहा कि वे निर्धारित जगह पर ही नमाज पढ़ें।
नमाज पढ़ने के लिए 37 स्थान निर्धारित
पिछले कुछ महीनों से खुले में नमाज पढ़ने को लेकर हिन्दू संगठन विरोध कर रहे हैं। बीच का रास्ता निकालते हुए रमजान से पहले प्रशासन ने नमाज पढ़ने के लिए 37 स्थान निर्धारित कर दिए। शुक्रवार को सेक्टर 9ए थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि बसई चौक के नजदीक जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ रहे हैं, वह जगह निर्धारित नहीं है। आरोप है कि इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और सभी को भगाते हुए इमाम अब्दुल वाहिद को पीसीआर में बैठा लिया। एक घंटे के बाद उन्हें छोड़ा गया। इमाम से किसी को मिलने तक नहीं दिया गया। इससे समुदाय के लोगों में रोष व्याप्त है।
नमाज पढ़ने को लेकर किसी ने विरोध नहीं किया
मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष हाजी शहजाद खान के नेतृत्व में पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार से मिलने पहुंचे लोगों ने इमाम के साथ दुर्व्यवहार को लेकर जमकर विरोध दर्ज कराया। हाजी शहजाद खान ने कहा कि हिन्दू संगठनों के लोगों ने नमाज पढ़ने को लेकर विरोध नहीं किया था। फिर पुलिस ने किस आधार पर नमाज पढ़ने से रोका। जिस जगह लोग नमाज पढ़ रहे थे, वह जगह 37 निर्धारित जगहों में शामिल है। समुदाय के लोग किसी भी स्तर पर विवाद नहीं चाहते हैं। इस वजह से पहले बसई चौक पर जहां नमाज पढ़ते थे, वहां अब नहीं पढ़ते हैं। शुक्रवार को जहां नमाज पढ़ रहे थे उसके चारों तरफ चारदीवारी है। उससे न ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित थी और न ही आसपास के लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी थी।