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ये हैं वो नेता जिनकी पीढ़ी राजनीति में लगातार रख रही कदम, ऐसे बढ़ रहा वंशवाद

दिल्ली में वंशवाद की सबसे बड़ी अगुआ देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस है। पंडित मोती लाल नेहरू के बेटे पंडित जवाहर लाल नेहरू राजनीति में आए।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 03:10 PM (IST)
ये हैं वो नेता जिनकी पीढ़ी राजनीति में लगातार रख रही कदम, ऐसे बढ़ रहा वंशवाद
ये हैं वो नेता जिनकी पीढ़ी राजनीति में लगातार रख रही कदम, ऐसे बढ़ रहा वंशवाद

नई दिल्ली। जब-जब देश में चुनाव होते हैं तो वंशवाद पर चर्चा जरूर छिड़ती है। इस बार लोकसभा चुनाव में फिर परिवारवाद को लेकर राजनीतिक दलों में बहस जारी है। यह सच भी है कि सियासत में परिवारों का ही बोलबाला है। दिल्ली और हरियाणा में भी ऐसे सियासी परिवारों की लंबी फेहरिस्त है।

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कई ऐसे परिवार हैं, जो लंबे समय से राजनीति की पारी खेल रहे हैं। कुछ के अपने स्थापित हो चुके हैं, जबकि कुछ परिवार अपनों को स्थापित करने में लगे हैं। इस कड़ी में केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के सुपुत्र बिजेंद्र सिंह का नाम भी जुड़ गया है, उन्हें भाजपा ने हिसार से प्रत्याशी बनाया है। दिल्ली व हरियाणा के इन सियासी परिवारों पर फरीदाबाद से बिजेंद्र बंसल और दिल्ली से वीके शुक्ला की रिपोर्ट:-

दिल्ली में कुछ इस तरह है स्थिति

दिल्ली में वंशवाद की सबसे बड़ी अगुआ देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस है। पंडित मोती लाल नेहरू के बेटे पंडित जवाहर लाल नेहरू राजनीति में आए। देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उनकी बेटी इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने। राजीव गांधी के बाद उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने कांग्रेस की बागडोर संभाली। अब उनके बेटे राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। राहुल गांधी की बहन प्रियंका वाड्रा भी सक्रिय राजनीति का हिस्सा बन चुकी हैं।

दिल्ली की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। उनके बेटे संदीप दीक्षित भी 2009 में लोकसभा का चुनाव लड़े और सांसद बने। भाजपा भी इससे अछूती नहीं है। दिल्ली एनसीआर की बात करें तो भाजपा में प्रथम पंक्ति के नेता व केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह उत्तर प्रदेश के नोएडा से विधायक हैं। भाजपा के कद्दावर नेता विजय दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे चरती लाल गोयल के बेटे हैं।

चरती लाल गोयल 1993 में दिल्ली में सत्ता में आयी भाजपा सरकार के समय दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना इस समय दिल्ली भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हैं। भाजपा की दिल्ली में 1993 में जब सरकार बनी तो मदनलाल खुराना सरकार में साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के शिक्षा मंत्री बने। मदनलाल खुराना के इस्तीफा देने पर साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। 2007 में एक कार दुर्घटना में उनकी मौत के बाद उनके बेटे प्रवेश वर्मा ने राजनीति में कदम रखा। वह वर्तमान में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद हैं।

हरियाणा में कुछ इस तरह है स्थिति

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का परिवार

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहली बार 2005 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और लगातार 2014 तक रहे। वे स्वयं संयुक्त पंजाब में मंत्री रहे चौधरी रणबीर सिंह की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए राजनीति में सक्रिय हुए। 1991 से 2005 तक लोकसभा के सदस्य भी रहे। अब उनकी राजनीतिक विरासत उनके पुत्र रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा संभाल रहे हैं।

राव बिरेंद्र सिंह का परिवार

राव बिरेंद्र सिंह 1967 में 224 दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। उनके पुत्र राव इंद्रजीत सिंह ने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। राव मौजूदा समय में केंद्र सरकार में मंत्री हैं। अब उनकी पुत्री आरती राव भी सक्रिय हैं।

बंसीलाल का परिवार

बंसीलाल राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में रक्षा और रेल मंत्री रहे। पुत्र सुरेंद्र सिंह, रणबीर सिंह महेंद्रा सांसद और विधायक रहे। पुत्रवधु किरण चौधरी विधायक हैं। पौत्री श्रुति चौधरी सांसद रह चुकी हैं और अब कांग्रेस प्रत्याशी हैं।

चौधरी देवीलाल का परिवार

चौधरी देवीलाल राज्य में दो बार मुख्यमंत्री रहे। 1989 में वह देश के उपप्रधानमंत्री बने। देवीलाल की राजनीतिक विरासत उनके पुत्र ओमप्रकाश चौटाला ने संभाली और राज्य में चार बार मुख्यमंत्री रहे। देवीलाल के दोनों पौत्र अजय चौटाला और अभय चौटाला व परपौत्र दुष्यंत चौटाला राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं। दुष्यंत राज्य में जननायक जनता पार्टी के नाम से नया दल बना चुके हैं। वह हिसार से सांसद हैं और फिलहाल अपने ही परिवार को चुनौती दे रहे हैं।

चौधरी भजन लाल की तीसरी पीढ़ी राजनीति में आने को तैयार

चौधरी भजन लाल तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उनके बड़े पुत्र चंद्रमोहन बिश्नोई राज्य के उपमुख्यमंत्री पद तक पहुंचे। छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के नाम से नया दल भी बनाया मगर फिलहाल वे कांग्रेस में हैं। कुलदीप की पत्नी रेणुका बिश्नोई भी विधायक हैं। कुलदीप बिश्नोई के पुत्र भव्य बिश्नोई सक्रिय राजनीति में आने की दहलीज पर हैं।

सर छोटू राम का परिवार

हरियाणा के दिग्गज जाट नेता सर छोटू राम के बेटे नेकी राम अविभाजित पंजाब के बड़े नेता थे। नेकी राम के बेटे चौधरी बीरेंद्र सिंह मौजूदा समय में केंद्रीय मंत्री हैं और राज्यसभा के सांसद हैं। चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को भाजपा ने हिसार लोकसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। बेटे के उम्मीदवार बनने से बीरेंद्र सिंह ने मंत्री पद से अपना इस्तीफा भाजपा नेतृत्व को सौंप दिया है लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी उचाना से भाजपा विधायक हैं।


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