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गूगल व टि्वटर जैसे प्लेटफार्म पर कंटेंट की निगरानी की अपर्याप्त व्यवस्था, गोविंदाचार्य ने दी HC को जानकारी

पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य ने सोशल मीडिया से बॉयज लॉकर जैसे अनेक तरह की विवादित वेबसाइट हटाने की मांग की थी। साथ ही इन सब पर नियंत्रण लेकर ठोस नीति निर्धारण निर्धारण करने एवं कानून बनाने की मांग की थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 05:57 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 05:57 PM (IST)
गूगल व टि्वटर जैसे प्लेटफार्म पर कंटेंट की निगरानी की अपर्याप्त व्यवस्था, गोविंदाचार्य ने दी HC को जानकारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि गूगल, फेसबुक व टि्वटर जैसे प्लेटफार्म पर चल रही फर्जी खबरों व कंटेंट की निगरानी के लिए मौजूदा समय में उपलब्ध व्यवस्था अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि दोनों प्लेटफार्म का भारत में बड़ा व्यापार है, लेकिन जब भी बात गैरकानूनी कन्टेंट की होती है, ये अपनी जिम्मेदारी विदेश में मौजूद कंपनी की मुख्य शाखा पर डाल देते हैं।

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याचिकाकर्ता गोविंदाचार्य ने अधिवक्ता विराग गुप्ता के माध्यम से जवाब दाखिल करते हुए कहा कि यह हैरानी की बात है कि भारत में बगैर किसी भौतिक मौजूदगी के ये कंपनियां भारत सरकार के साथ अनुबंध में हैं। उन्होंने हाई कोर्ट के एक आदेश का भी हवाला देते हुए कहा कि जिसमें कोर्ट ने पाया था कि पुलिस द्वारा आपराधिक मामले में वाट्सएप से जानकारी मांगने पर भी कोई जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली परिणाम पाने के लिए इन प्लेटफार्म की भारत में भौतिक मौजूदगी जरूरी है।

इससे पहले केंद्र ने कहा था कि वह फर्जी खबरों की गंभीरता को समझता है, इसलिए उन पर नियंत्रण रखने के लिए नियम कानून बनाए गए हैं।  सरकार ने कहा था कि इस नियम के तहत सोशल मीडिया एक महीने के भीतर फर्जी खबर को रोकने के लिए बाध्य है। सरकार ने यह भी कहा था कि सोशल मीडिया से फर्जी खबर हटाने की मांग सरकार के अधिकृत अधिकारी कर सकते हैं। किसी निजी व्यक्ति के कहने पर कोई भी खबर को नहीं हटाया जा सकता है।

पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य ने सोशल मीडिया से बॉयज लॉकर जैसे अनेक तरह की विवादित वेबसाइट हटाने की मांग की थी। साथ ही इन सब पर नियंत्रण लेकर ठोस नीति निर्धारण निर्धारण करने एवं कानून बनाने की मांग की थी। गोविन्दाचार्य ने ने कहा था कि नकारात्मकता, फेक न्यूज और अनैतिक तथ्य युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे समूहों को मुक्त या सृजनात्मक तरीके से अपनी बात कहने के नाम पर कोई संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

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