Delhi Metro News: केशोपुर से पीरागढ़ी के बीच मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण शुरू होने में लगेगा वक्त
दिल्ली सरकार के वन विभाग ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) पर फेज चार के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर के निर्माण के लिए अनुमति के बगैर पेड़ काटने व वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। फेज चार के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो लाइन की परियोजना वन विभाग की अनुमति के बगैर पेड़ काटने के मामले फंस गई है। इस कारण केशोपुर से पीरागढ़ी के बीच एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण करीब दो माह से बंद है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) के अनुसार, विवाद अभी हल नहीं हो पाया है। लिहाजा निर्माण कार्य दोबारा शुरू होने में वक्त लगेगा। वन विभाग ने डीएमआरसी पर स्वीकृति के बगैर मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए पेड़ काटने का आरोप लगाया था। हालांकि डीएमआरसी पेड़ काटने से इंकार करता रहा है।
इस बाबत अगस्त में केंद्रीय पर्यावरण विभाग, विकासपुरी व मियांवाली थाने में शिकायत दी थी। इसके बाद डीएमआरसी ने केशोपुर से पीरागढ़ी के बीच मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण बंद कर दिया था। तब वन विभाग ने दावा किया था कि केशोपुर से पीरागढ़ी चौक के बीच 5.34 किलोमीटर लंबी सड़क (रोड नंबर 26) व नजफगढ़ नाले के नजदीक 1300 मीटर की जगह पर निर्माण करने के लिए मेट्रो को स्वीकृति नहीं है, क्योंकि दोनों जगह वन विभाग की है, इसलिए वन विभाग ने डीएमआरसी को नोटिस भेजकर उस जगह निर्माण कार्य नहीं कराने का निर्देश दिया। यह कॉरिडोर फेज चार के 28.92 किलोमीटर लंबी जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो लाइन का हिस्सा है।
डीएमआरसी का कहना है कि अगस्त से पहले वन विभाग ने जमीन का मामला नहीं उठाया था। कृष्णा पार्क से मुकरबा चौक के बीच पेड़ काटने के लिए अप्रैल 2018 में स्वीकृति मांगी गई थी। सितंबर 2019 में दोबारा आवेदन किया। इस दौरान दिल्ली मेट्रो व वन विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से मौके का निरीक्षण किया गया। फिर भी पेड़ काटने की स्वीकृति नहीं मिल पाई। बहरहाल, केशोपुर से पीरागढ़ी के बीच काम बंद होने का असर पूरे जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो लाइन पर पर पड़ेगा
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