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2020 Delhi riots: दिल्ली दंगों में सामने आई आइएसआइ और खालिस्तान की साजिश

2020 Delhi riots दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) की ओर से दाखिल आरोपपत्र में एक आरोपित अतहर खान ने अपने बयान में खालिस्तान मूवमेंट के तीन समर्थकों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नाम लिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 07:47 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 07:47 AM (IST)
2020 Delhi riots: दिल्ली दंगों में सामने आई आइएसआइ और खालिस्तान की साजिश
फरवरी महीने में हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों की सांकेतिक फोटो।

नई दिल्ली, आइएएनएस। 2020 Delhi riots: फरवरी महीने में हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों में अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ और खालिस्तान मूवमेंट का नाम सामने आया है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) की ओर से दाखिल आरोपपत्र में एक आरोपित अतहर खान ने अपने बयान में खालिस्तान मूवमेंट के तीन समर्थकों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नाम लिया है। बता दें कि उस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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आरोप अतहर ने पूछताछ में बताया कि उसके एक सहयोगी रिजवान सिद्दकी ने 10 और 11 फरवरी को उसे और अन्य को कहा था कि उसने खालिस्तान मूवमेंट समर्थक बगीचा सिंह और लवप्रीत सिंह से शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर मुलाकात की थी, जो भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त है।

अतहर ने यह भी बताया कि बगीचा सिंह और लवप्रीत सिंह ने दावा किया है कि उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का समर्थन प्राप्त है और एजेंसी ने यह संदेश भेजा है कि खालिस्तान समर्थकों को सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए।

रिजवान ने हमसे कहा कि इन लोगों (खालिस्तान मूवमेंट समर्थकों) ने दंगों में हमारा समर्थन करने और अपने एक आदमी को प्रदर्शन स्थल पर भेजने का वादा किया है। इसके आठ से दस दिन बाद चांद बाग स्थित धरनास्थल पर जबरजंग सिंह आया। उसने बताया कि उसे बगीचा सिंह ने भेजा है। जबरजंग सिंह ने धरनास्थल पर सरकार के खिलाफ भाषण भी दिया था।

गौरतलब है कि 24-25 फरवरी को हुए दिल्ली दंगों में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इसी के साथ घरों-दुकानों और गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। जान गंवाने वालों में इंटैलिजेंस ब्यूरो का एक स्टाफ भी था। हिंसा को भड़काने में नेताओं के साथ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी नाम सामने आया है। 

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