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Coronavirus in Delhi: ऑनलाइन कक्षाओं में आ रही है कनेक्टिविटी की समस्या

लॉकडाउन के दौरान शहरों से लेकर कस्बों व गांवो तक डेटा का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। एक प्रकार से इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 03:59 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 03:59 PM (IST)
Coronavirus in Delhi: ऑनलाइन कक्षाओं में आ रही है कनेक्टिविटी की समस्या
Coronavirus in Delhi: ऑनलाइन कक्षाओं में आ रही है कनेक्टिविटी की समस्या

नई दिल्ली (रीतिका मिश्रा) कोरोना वायरस के चलते सभी नागरिक घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं। दफ्तर और स्कूल बंद होने से लोग वर्क फ्रॉम होम व ऑनलाइन क्लासेज के लिए पूरी तरह से इंटरनेट पर ही निर्भर हो गए हैं। इससे ब्रॉडबैंड व मोबाइल डेटा की खपत भी बढ़ी है। लॉकडाउन के दौरान शहरों से लेकर कस्बों व गांवो तक डेटा का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। एक प्रकार से इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

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ऑनलाइन क्लासेज के लिए जहां विद्यार्थी जूम, स्काइप, गूगल मीट, माइक्रोसॉफ्ट टीम व वेबेक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं मनोरंजन के लिए नेटफ्लिक्स, जी 5, अमेजन प्राइम जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग एप का दोगुना भी इस्तेमाल बढ़ा हैं। इन सभी एप के इस्तेमाल से इंटरनेट की कनेक्टिविटी की समस्या भी बढ़ गई है।

पढ़ाते-पढ़ाते अटक जाता है इंटरनेट

राजधानी के निजी से लेकर सरकारी स्कूलों के छात्र अब ऑनलाइन कक्षाओं के जरिये ही पढ़ाई कर रहे हैं। इन कक्षाओं में छात्र जूम, स्काइप, गूगल मीट व अन्य एप के जरिये कक्षाओं में उपस्थित होते हैं। राजधानी के निजी स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्र सिया बताती हैं कि उनके घर में उनके पिता, भाई और उन्हें इंटरनेट की जरूरत पड़ती है। घर में अनलिमिटेड डाटा पैक के साथ वाइ-फाइ लगा हुआ है। फिर भी इंटरनेट की समस्या ङोलनी पड़ती है। उनके मुताबिक अक्सर जब शिक्षिका कक्षा के समय हाजिरी लगा रही होती हैं तो कई छात्रों का इंटरनेट कनेक्शन कमजोर होने के चलते उनको ऑनलाइन कक्षाओं में जुड़ने में समय लगता है। साथ में वे नहीं भी जुड़ पाते हैं।

वीडियो कॉलिंग भी बढ़ी

लॉकडाउन से पहले जहां औसतन दो प्रतिशत लोग ही वीडियो कॉलिंग करते थे, वहीं अब उनकी संख्या में पांच गुना इजाफा हुआ है।

हैवी फाइल डाउनलोडिंग में भी होती समस्या

स्कूल व कॉलेजों से लेकर कोचिंग संस्थान भी अब पाठ्यक्रम से संबंधित पीडीएफ व वर्ड फाइल वाट्सएप व मेल के जरिये भेजने लगे हैं। इसके साथ ही कुछ वीडियो व ऑडियो भी साझा कर रहे हैं। छात्रों के मुताबिक यह फाइल बहुत हैवी होती है, जिससे स्टोरेज में समस्या तो आती ही है साथ ही अगर इंटरनेट की स्पीड कम है तो हैवी फाइल डाउनलोड भी नहीं होती है।

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