Congress Politics: कांग्रेसियों ने कुलदेवी से की हाइकमान की मजबूती की दुआ
Congress Politics सोनिया गांधी राहुल और प्रियंका की देवी रक्षा करें तथा मोदी सरकार की नैया पार न होने पाए। कुलदेवी की जयकार करते हुए उन्होंने नारा भी लगाया कि राहुल-प्रियंका तुम आगे बढ़ो देश तुम्हारे साथ है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इसे प्रचार प्रपंच कहें या पार्टी के प्रति अत्यधिक निष्ठा.. लेकिन प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हाइकमान की मजबूती की दुआ करने कुलदेवी के दरबार में जा पहुंचे। कुलदेवी के चरणों में माथा टेकने और पूजा अर्चना करने के बाद उन्होंने दुआ मांगी कि देश में विपक्ष की आवाज लोकतंत्र की ताकत के रूप में उभरे। सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका की देवी रक्षा करें तथा मोदी सरकार की नैया पार न होने पाए। कुलदेवी की जयकार करते हुए उन्होंने नारा भी लगाया कि राहुल-प्रियंका तुम आगे बढ़ो, देश तुम्हारे साथ है। दिलचस्प यह कि नेताजी ने यह सब चुपचाप नहीं किया बल्कि प्रेस के लिए बयान जारी कर यह भी कहा कि कांग्रेस विरोधी ताकतें विपक्ष का गला दबाने में लगी हुई हैं। राहुल-प्रियंका की आवाज को दबाया जा रहा है। लेकिन कुलदेवी अब सब भला करेंगी। कांग्रेस मजबूत होगी और गांधी परिवार के नेतृत्व में देश भी तरक्की करेगा।
बिना कहे सब कुछ कह गए नेताजी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने एक ट्वीट को रीट्वीट क्या किया, बिना कहे सब कुछ कह गए। समझने वाले भी सब समझ गए। इस रीटवीट में कहा गया है कि कांग्रेसी नेता को गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट गांधी- नेहरू परिवार के नाम पर ही मिलता है, उनके अपने दम पर नहीं।। फिर चाहे अमरिन्द्र सिंह हों या गहलोत या पहले शीला। साथ ही उन्होंने एक ओर पंजाब प्रकरण में हाइकमान सोनिया गांधी के निर्णय को सही ठहराकर तो दूसरी ओर चुनावों में पार्टी को हर जगह लगातार मिल रही करारी हार का जिम्मा राहुल गांधी की बजाए गैर जवाबदेह नेताओं पर डाल अपनी परिपक्वता भी साबित कर दी। हालांकि बाद में अजय माकन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस रीट्वीट को उनका बयान न मानें। लेकिन सच तो यही है एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह सियासी पिच पर वह फील्डिंग और बैटिंग दोनों ही कर गए।
AAP की राह पर कांग्रेसी
सत्ता में होते हुए भी आम आदमी पार्टी के नेता विभिन्न मुददों पर धरने-प्रदर्शन का सहारा लेते रहे हैं। अब कांग्रेसी भी इसी राह पर चलने लगे हैं। अंबेडकर कालोनी और आया नगर के निवासियों ने एक दीवार के निर्माण से कालोनी को घिटोरनी से जोड़ने वाले 35 फुट चौड़े मार्ग के बंद होने का विरोध किया तो कांग्रेसी पार्षद वेदपाल भूख हड़ताल पर बैठ गए। अंबेडकर पहाड़ी रोड पर शिव मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। बाद में भूख हड़ताल से तो उठ गए, लेकिन विभिन्न माध्यमों से विरोध अब भी जारी रखे हुए हैं। कहते हैं, जब प्रशासन नहीं सुनेगा तो धरने और प्रदर्शन करना ही पड़ेगा। जिस मार्ग का उपयोग यहां के निवासी पिछले कई दशकों से कर रहे हैं, कुछ लोगों ने यहां पेड़ों को काट दिया और रास्ते में जबरन दीवार खड़ी कर दी, जिससे हजारों निवासियों का आवागमन भी अवरुद्ध हो गया है।
याद आया शीला का पर्यावरण प्रेम
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की पुण्यतिथि पर उनका पर्यावरण प्रेम भी खूब याद किया गया। दर्जनों स्थानों पर कांग्रेसियों ने ही नहीं बल्कि विभिन्न आरडब्ल्यूए संगठनों ने भी उन्हें याद कर पुष्पांजलि दी। एक बात जो सभी जगह कामन देखने को मिली, वह थी शीला के पर्यावरण प्रेम के प्रति सभी का सम्मान। इसी सम्मान के चलते कमोबेश सभी जगह उन्हें याद करते हुए पौधारोपण किया गया। पुरानी दिल्ली में पूर्व पार्षद अशोक जैन के नेतृत्व में तुलसी और अर्जुन के पौधे लगाए गए तो नार्थ दिल्ली रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक भसीन ने जामुन का पौधा रोपा। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भी औषधीय पौधा लगाया गया। सभी ने शीला की उस सोच को भी याद किया कि वे किस तरह तमाम परियोजनाओं के क्रियान्वयन में भी पर्यावरण का ख्याल रखा करती थीं। निस्संदेह शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने के लिए पौधारोपण से बेहतर कोई माध्यम हो भी नहीं सकता था।