CCTV मामला: कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग, 'आप' ने दी सफाई, कहा- कोई शिकायत नहीं आई
'आप' ने कहा कुछ लोग सीसीटीवी कैमरे के मामले में जनता के बीच भ्रामक व गलत जानकारी फैला रहे हैं। माकन ने आरोप लगाया कि महिला सुरक्षा तो बहाना था, असली मकसद पैसा खाना था।
नई दिल्ली [जेएनएन]। सीसीटीवी कैमरे को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच 'आप' सरकार ने सफाई दी है। एक सार्वजनिक बयान जारी कर सरकार ने दावा किया है कि इन कैमरों से किसी की निजता भंग नहीं होगी। यह भी कहा कि इस तरह के कैमरे अनेक इलाकों में पहले भी लगाए जा चुके हैं मगर कहीं से कोई शिकायत नहीं आई है।
किसी की निजता पर आंच नहीं आएगी
सरकार का कहना है कि निहित स्वार्थों के चलते कुछ लोग सीसीटीवी कैमरे के मामले में जनता के बीच भ्रामक व गलत जानकारी फैला रहे हैं। कैमरे लगाने का एकमात्र मकसद महिला सुरक्षा को पुख्ता करना है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सीसीटीवी कैमरे कॉलोनी के प्रवेश एवं निकास द्वार तथा पार्किंग क्षेत्र में ही लगाए जाएंगे। इन जगहों पर कैमरों से किसी की निजता पर आंच नहीं आएगी।
वाद-विवाद करने का खुला निमंत्रण
सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि नई दिल्ली नगर पालिका क्षेत्र के कई इलाकों में ऐसे कैमरे लगाए जा चुके हैं। बहुत से विधायकों ने अपने विधायक फंड से भी ऐसे कैमरे लगवाए हैं। कहीं से कोई शिकायत नहीं आई है। सरकार ने किसी भी सरकारी मुद्दे पर स्वस्थ वाद-विवाद करने का खुला निमंत्रण भी दिया है।
सीबीआइ जांच की मांग
इस बीच दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर दिल्ली में सीसीटीवी लगाने की प्रस्तावित परियोजना में कथित घोटाले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की। उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने महिला सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी परियोजना में भ्रष्टाचार किया है।
नहीं ली गई मंजूरी
माकन ने कहा कि हमने उपराज्यपाल से आग्रह किया है कि 571 करोड़ रुपये के सीसीटीवी घोटाले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। हमने उनके समक्ष सारे कागजात भी रखे। उन्होंने दावा किया कि सीसीटीवी परियोजना की लागत को 130 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 571 करोड़ रुपये कर दिया गया और इसमें मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री ने कहीं से मंजूरी भी नहीं ली।
महिला सुरक्षा तो बहाना था
माकन ने कहा कि इसके लिए दो-दो बार निविदा निकाली गईं और अपनी एक चहेती चीनी कंपनी को निविदा दे दी गई। माकन ने आरोप लगाया कि महिला सुरक्षा तो बहाना था, असली मकसद पैसा खाना था। माकन ने कहा कि हम इस मामले को लेकर सीवीसी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भी जाएंगे।
कांग्रेस पहले भी उठा चुकी है मुद्दा
मालूम हो कि माकन पिछले कुछ हफ्तों से कई बार इस मुद्दे को उठा चुके हैं। हालांकि केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी ने उनके सभी आरोपों को खारिज किया है। उपराज्यपाल से मुलाकात करने वाले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में माकन के अलावा दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अशोक वालिया, अरविंदर सिंह लवली, हारून यूसुफ, राजकुमार चौहान और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चतर सिंह भी शामिल थे।
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