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'आप' के खिलाफ कांग्रेस का न्याययुद्ध, केजरीवाल को बताया मजदूर विरोधी, दी बहस की चुनौती

अजय माकन ने कहा कि गैर-कानूनी सीलिंग कांग्रेस के लिए सियासी मुद्दा नहीं है बल्कि भावनात्मक मामला है क्योंकि इससे 8 लाख से भी अधिक लोग अभी तक बेरोजगार हो चुके हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 09:32 PM (IST)
'आप' के खिलाफ कांग्रेस का न्याययुद्ध, केजरीवाल को बताया मजदूर विरोधी, दी बहस की चुनौती
'आप' के खिलाफ कांग्रेस का न्याययुद्ध, केजरीवाल को बताया मजदूर विरोधी, दी बहस की चुनौती

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। राजधानी में बड़े पैमाने पर हो रही गैर-कानूनी सीलिंग के लिए कांग्रेस ने 'आप' व भाजपा को जिम्मेदार बताया है। पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व में 'आप' के खिलाफ कांग्रेस का न्याययुद्ध शुरु हुआ जिसमें 30 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौजूदगी रही।न्याययुद्ध के कांग्रेस नेताओं ने एलान किया कि 'गैर कानूनी सीलिंग बंद करो- वरना गद्दी छोड दो।' कांग्रेस के न्याययुद्ध में बड़ी संख्या में गैर-कानूनी सीलिंग के चलते बेरोजगार हुए मजदूरों और छोटे-छोटे उद्यमियों की मौजूदगी रही। 

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कांग्रेस नेताओं ने किया संबोधित 
ज्ञात हो कि अजय माकन ने शहरी विकास राज्य मंत्री रहते हुए दिल्ली के मास्टर प्लान में बकायदा घरेलू उद्योगों को रिहायशी बस्तियों में चलाने का न केवल प्रावधान किया था बल्कि उसे कानूनी रुप देकर यह स्पष्ट उल्लेख किया था कि जब भी सरकार चाहे इसके दायरे को बढ़ा सकती है। इस मौके पर पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली, डा ए के वालिया, हारुन यूसुफ, डा नरेन्द्र नाथ व वरिष्ठ नेता एवं इस अभियान के संयोजक पूर्व विधायक मुकेश शर्मा ने वहां मौजूद लोगों को सम्बोधित किया।

'आप' व भाजपा पर बरसे माकन 
अजय माकन ने भाजपा व 'आप' को गैर-कानूनी सीलिंग के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि दोनों दलों के गैर जिम्मेदाराना रवैये व गरीब विरोधी नीति के कारण आज दिल्ली के लोगों को गैर-कानूनी सीलिंग जैसे दंश को झेलना पड़ रहा है। उन्होंने दोनों दलों के नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि कौन से ऐसे कारण हैं जिसके चलते सर्वदलीय बैठक में निर्णय होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने आज तक घरेलू उद्योगों की परिभाषा को क्यों नही बदला है? उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार सभी मोर्चों पर पूरी तरह नाकाम साबित हुई है और अपनी नाकामी को छिपाने के लिए आए दिन लोगों का ध्यान भटकाने के लिए नए-नए शिगूफे छोड़ देती है।

माकन ने कहा कि गैर-कानूनी सीलिंग कांग्रेस के लिए सियासी मुद्दा नहीं है बल्कि भावनात्मक मामला है क्योंकि इससे 8 लाख से भी अधिक लोग अभी तक बेरोजगार हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ही दलों की इस मुद्दे को सुलझाने में कोई रुचि नहीं है। माकन ने यह भी कहा कि चंद लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए 'आप' पार्टी घरेलू उद्योगों को उजाड़ने पर उतारु है। माकन ने नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि केजरीवाल की मिलीभगत से गैर-कानूनी सीलिंग भी दिल्ली के लिए बड़ा घोटाला साबित हो रही है।

तीन प्रस्ताव पारित 
न्याययुद्ध में अरविंदर सिंह लवली द्वारा रखे गए तीनों प्रस्तावों को वहां मौजूद 30 हजार से भी ज्यादा लोगों ने हाथ उठाकर सर्वसम्मति से पारित किया। पारित प्रस्तावों में कानूनी कवच के बावजूद भी घरेलू उद्योगों को गैर- कानूनी तरीके से सील करने के लिए जिम्मेदार केन्द्र व दिल्ली सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की गई और दोनों सरकारों से मांग की गई कि मास्टर प्लान में घरेलू उद्योगों को दिए गए कानूनी कवच के आधार पर घरेलू उद्योग संबधी परिभाषा को नए सिरे से परिभाषित करके 5 किलोवाट बिजली के कनेक्शन को 11 किलोवाट किया जाए और 5 कर्मचारियों के स्थान पर 11 कर्मचारियों की व्यवस्था करने का आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर गांधी नगर सहित पूरी दिल्ली के घरेलू उद्योगों को गैर-कानूनी सीलिंग से राहत दी जाए।

प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यह मुद्दा लोगों की रोजी रोटी से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें किसी किस्म की कोताही को कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रस्ताव में दोनों सरकारों को चेतावनी दी गई है कि वो समय रहते गैर-कानूनी सीलिंग से लोगों को राहत दिलवाए। प्रस्ताव में तत्कालीन यूपीए सरकार के शहरी विकास राज्यमंत्री अजय माकन का मास्टर प्लान में घरेलू उद्योगों को कानूनी रुप देने के लिए आभार व्यक्त किया गया। प्रस्ताव के जरिए वहां मौजूद हजारों लोगों ने नारा दिया कि 'गैर कानूनी सीलिंग बंद करो-वरना गद्दी छोड दो'। 

भाजपा व 'आप' को कोस रहे हैं लोग
लवली ने इस मौके पर कहा कि यह बहुत आश्चर्य की बात है कि घरेलू उद्योगों के लिए कानूनी कवच होने के बाद भी बड़ी बेरहमी से उजाड़ा जा रहा है। लवली ने कहा कि यह बात किसी को हजम नहीं हो रही कि घरेलू उद्योग रिहायशी बस्तियों से बाहर किए जाऐंगे। उन्होंने कहा कि घरेलू उद्योग का प्रावधान सिर्फ इसलिए किया गया था ताकि रिहायशी क्षेत्रों में लोग अपनी जरुरत के मुताबिक अधिसूचित सूची में शामिल कारोबार को कर सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन 121 उद्योगों/कामधंधों को इस सूची में शामिल किया गया है उनमें कोई भी प्रदूषण नहीं फैलाता, उसके बावजूद भी सीएम केजरीवाल के इशारे पर ऐसी इकाइयों को गैर-कानूनी तरीके से सील किया जा रहा है, जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों के बंद होने से वहां छोटी दुकानों का कारोबार भी ठप हो गया है और लोग भुखमरी की कगार पर हैं। लवली ने कहा कि लोग भाजपा व 'आप' पार्टी को न केवल कोस रहे है बल्कि समय आने पर इन दोनों दलों को सबक सिखाऐंगे। 

केजरीवाल को बताया मजदूर विरोधी 
डा ए के वालिया व हारुन यूसूफ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राजधानी में कांग्रेस सरकार ने 70 प्रतिशत से अधिक औद्योगिक इकाइयों वाले क्षेत्रों को राहत प्रदान करते हुए उन्हें औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया था। उन्होंने यह भी कहा कि मास्टर प्लान में बकायदा इस बात का प्रावधान है कि जिन क्षेत्रों में ऐसी इकाइयां हैं उन्हें आज भी बेहिचक औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जा सकता है लेकिन जानबूझ कर ऐसा नहीं किया जा रहा है। दोनों पूर्व मंत्रियों ने कहा कि राजधानी में चल रही गैर-कानूनी सीलिंग के चलते न केवल बेरोजगारी बढ़ रही है बल्कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई है। लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने केजरीवाल को मजदूर विरोधी करार देते कहा कि दिल्ली के लोग उनका असली चेहरा पहचान चुके हैं।

धनवसूली की जा रही है
वरिष्ठ नेता मुकेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाया गया न्याययुद्ध भाजपा व 'आप' पार्टी के लिए 'कफन में कील साबित होगा'। उन्होंने कहा कि यह अभियान और अधिक प्रभावी ढंग से पूरी दिल्ली में चलाया जाएगा पार्टी जल्द ही दूसरे चरण की घोषणा करेगी। शर्मा ने कहा कि 'आप' पार्टी व भाजपा के विधायक और पार्षद गैर कानूनी सीलिंग की आड़ में छोटे उद्यमियों को डरा धमकाकर लूट रहे है। मामला यहां तक भी है कि दोनों ही दलों के नेताओं के संरक्षण में करोड़ों रुपये की अवैध रुप से धनवसूली की जा रही है। कांग्रेस पार्टी ऐसे नेताओं को सीधे तौर पर घेरने के लिए एक रणनीति बना रही है जिसका खुलासा बहुत जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने फिर दिल्ली के लोगों से अपील की कि वो जनहित में चलाए जा रहे इस न्याययुद्ध में भाग लें।


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