Delhi NCR Pollution 2020: हवाओं ने ढीली की प्रदूषण की अकड़, फिर भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं हालात
एनसीआर के शहरों में भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली। सफर इंडिया के अनुसार हवा की गति में सुधार से एयर इंडेक्स में कमी बरकरार रह सकती है। हालांकि इसकी श्रेणी बहुत खराब ही रहने के आसार हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली-एनसीआर के लोगों को फिलहाल हल्की राहत मिली हुई है, लेकिन फिलहाल यह बेहद खराब श्रेणी में ही बना हुआ है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee) द्वारा जारी ताजा डाटा के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार इलाके में बुधवार को वायु गुणवत्ता स्तर (Air Quality Index) 313, आरकेपुरम में 305, मुंडका में 325 और पटपड़गंज में 309 है। सफर के मुताबिक, यह बेहद खराब श्रेणी में आता है। खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक है। वही, पराली के धुएं का फीसद बढ़ने के बावजूद तेज हवा ने दिल्ली-एनसीआर वासियों को प्रदूषण से कुछ राहत दी है। हवा की रफ्तार बढ़ते ही मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 41 प्वाइंट नीचे आ गया। एनसीआर के शहरों में भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली। सफर इंडिया के अनुसार, हवा की गति में सुधार से एयर इंडेक्स में कमी बरकरार रह सकती है। हालांकि, इसकी श्रेणी बहुत खराब ही रहने के आसार हैं। स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि मंगलवार को हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी और गति 10 से 12 किमी प्रति घंटा थी। इससे प्रदूषण थोड़ा कम रहा। बुधवार को भी यही स्थिति बने रहने की उम्मीद है।
दिल्ली का एयर इंडेक्स सोमवार को 353 रिकॉर्ड किया गया था। मंगलवार को यह गिरकर 312 पर पहुंच गया। पिछले कुछ दिनों की तुलना में इसे थोड़ा बेहतर कहा जा सकता है। प्रदूषण में हुए इस सुधार के पीछे हवा की गति को ही मुख्य कारक माना जा रहा है। इसके चलते हवा में प्रदूषक कण ठहर नहीं पा रहे हैं। वहीं दिल्ली का पीएम 2.5 जहां मंगलवार को 160 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जबकि पीएम 10 का स्तर 292 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
दूसरी तरफ, पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के सीमावर्ती हिस्सों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है। सफर के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 23 फीसद रही। इस सीजन में यह अब तक की सर्वाधिक हिस्सेदारी है। सोमवार को एक ही दिन में पराली जलाने के जो 1943 मामले रिकॉर्ड किए गए, वे भी इस बार के सर्वाधिक हैं। सफर इंडिया का कहना है कि हवा के मंद पड़ते ही प्रदूषण में फिर से इजाफा होने लगेगा।
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