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EXCLUSIVE: सैंडविच तकनीक से दिल्ली के अस्पताल में हुआ घुटने का जटिल ऑपरेशन

सामान्य ताैर इस ऑपरेशन में साढ़े तीन घंटे का समय लग जाता है लेकिन दीप चंद बंधु अस्पताल के डॉक्टराें ने ढाई घंटे मेें अॉपरेशन काे सफलतापूर्वक संपन्न किया।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 12:45 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 09:18 AM (IST)
EXCLUSIVE: सैंडविच तकनीक से दिल्ली के अस्पताल में हुआ घुटने का जटिल ऑपरेशन
EXCLUSIVE: सैंडविच तकनीक से दिल्ली के अस्पताल में हुआ घुटने का जटिल ऑपरेशन

नई दिल्ली [ललित विजय]। Complex Operation of Tumor in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली के दीप चंद बंधु सरकारी अस्पताल ने रिकॉर्ड समय में घुटने में ट्यूमर का जटिल ऑपरेशन कर युवक काे नई जिंदगी दी। इसके लिए सैंडविच तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक का इस्तेमाल सामान्य ताैर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संथान (All India Institute of medical sciences) में ही हाेता है। इस तकनीक के तहत घुुटने का ट्यूमर निकालकर टाइटेनियम का ट्यूमर लगा दिया जाता है। सामान्य ताैर इस अॉपरेशन में साढ़े तीन घंटे का समय लग जाता है , लेकिन दीप चंद बंधु अस्पताल के डॉक्टराें ने ढाई घंटे मेें अॉपरेशन काे सफलतापूर्वक संपन्न किया। यही नहीं, मरीज तीन दिन में चलने भी लगा। सामान्यत: इस अॉपरेशन एक सप्ताह बाद ही मरीज चलने-फिरने की स्थिति में अाता है।

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जीवन की उम्मीद छाेड़ चुका था मरीज

गरीबी के साथ बीमारी का मेल हाेते ही जीवन नर्क हाेना स्वभाविक है। ऐसा ही दिल्ली में रहने वाले 22 वर्षीय जावेद के साथ हुअा था। घुटने में ट्यूमर हाेने के कारण हड्डी तक गल गई थी। जिससे वह पूरी तरह से बेड पर अा गए। कंपनी से नाैकरी चली गई अाैर पूरा परिवार भूखमरी की कगार पर अा गया। इलाज काफी महंगा अाैर जटिल था, इस कारण जावेद ने उम्मीद खाे दी थी। इसी बीच किसी जानकार के माध्यम से अंतिम उम्मीद लेकर वह दिल्ली के दीप चंद बंधु सरकारी अस्पताल पहुंचा। जहां अस्थि विभाग के डॉक्टराें ने अॉपरेशान का निर्णय लिया। इस जटिल ऑपरेशन के बाद जावेद तीन दिन में ही चलने लगा। अब पूरे परिवार में नए जीवन की राैशनी है।

इस ट्यूमर से गल जाती हैं हड्डियां

दीप चंद बंधु अस्पताल के अस्थी राेग विभाग के विभागाध्यक्ष समीर मेहता ने बताया कि इसे जायंट सेल ट्यूमर कहते हैं। इसमें घुटने अाैर उसके नीच की हड्डियां ट्यूमर के कारण गल जाती है। मरीज बिल्कुल चल नहीं सकता। यह किसी उम्र में भी हाे सकता है। जावेद भी इसी बीमारी से ग्रस्त था। बीमारी का स्तर अाैर परिवार का हाल देखकर मुफ्त में तत्काल अॉपरेशन का निर्णय लिया गया। 

सैंडविच तकनीक से इस तरह हुअा इलाज

अॉपरेशन के दाैरान सैंडविच तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक के तहत ट्यूमर के ऊपर हड्डी, सीमेंट अाैर एक खास तरह का केमिकल लगाया गया, जिससे ट्यूमर काे खत्म किया गया। इसके  साथ ही गली हुई हड्डी के उपर टाइटेनियम का लेयर लगाया गया। सामान्य ताैर पर इस अॉपरेशन में साढ़े तीन घंटे का समय लगता है। हमारी टीम ने ढाई घंटे में इस अॉपरेशन काे सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया।

घुटने ते दर्द काे हलके में न लें

डॉ समीर मेहता ने बताया कि खान-पान अाैर लाइफ स्टाइल के कारण घुटने की बीमारी तेजी से बढ़ी है। प्रारंभिक स्तर पर इसे गंभीरता से लेकर बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि प्रारंभ में ही घुटने में दर्द हाेने पर उसेे गंभीरता से लें। डॉक्टर काे दिखाएं। साथ ही एक्स-रे कराकर वास्तविकता का पता लगाएं। ऐसा होने पर इलाज समय से शुरू हो सकता है और फिर भविष्य में होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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