Delhi Doctors' salaries: 'डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिलना, शर्म से डूब मरने वाली बात' अरविंद केजरीवाल ने साधा MCD पर निशाना
Delhi Doctors salaries मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के उद्घाटन के मौके पर एमसीडी के डाॅक्टरों द्वारा वेतन की मांग को लेकर की जा रही हड़ताल के संबंध में भी सरकार की स्थिति साफ की।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में डॉक्टरों को वेतन नहीं मिलने का मुद्दा लगातार गरमाया हुआ है। इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी के डॉक्टरों को कई महीने से तनख्वाह नहीं मिल रही है, यह बेहद ही शर्मनाक बात है। इस तरह के कुप्रबंधन और घोर भ्रष्टाचार से एमसीडी नहीं चल सकती, एमसीडी में भ्रष्टाचार बंद होना होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के उद्घाटन के मौके पर एमसीडी के डाॅक्टरों द्वारा वेतन की मांग को लेकर की जा रही हड़ताल के संबंध में भी सरकार की स्थिति साफ की।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर में प्लांट का उद्घाटन के दौरान कहा कि जिन डॉक्टरों ने हमारे और हमारे परिवारों की रक्षा, इलाज और सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाला, आज वे हड़ताल पर हैं। इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2015 में हमारी सरकार बनी है, तब से हमने पिछली सरकारों की तुलना में दो-तीन गुना ज्यादा पैसे का भुगतान किया है, वह पैसा कहां गया? केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को छोड़कर पूरे देश के सभी नगर निगमों को अनुदान देती है। केंद्र सरकार को अनुदान के 12000 करोड़ रुपए एमसीडी को देने हैं, अभी इसमें से कुछ पैसे दे देना चाहिए, ताकि डॉक्टरों के वेतन का भुगतान किया जा सके।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी अपने नगर निगम के कुछ डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनको कई महीने से तनख्वाह नहीं मिली है। यह हम सब लोगों के लिए बड़े शर्म से डूब मरने वाली बात है, जिन डॉक्टरों ने कोरोना के समय अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे परिवार और हमारी रक्षा की, हमारा इलाज किया, हमारी सेवा की, उन डॉक्टरों को कई-कई महीनों तक सैलरी नहीं मिले, यह सही नहीं है। यह बहुत ही बड़ा संवेदनशील मामला है। इस मुद्दे पर बिल्कुल भी राजनीति नहीं होनी चाहिए। किसी को भी इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए। सबका प्रयास यह होना चाहिए कि उनको उनकी सैलरी कैसे दिलवाई जाए। इस पूरे मामले को मैंने समझने की कोशिश की। हम पिछले कई सालों से देख रहे हैं कि नगर निगम में बार-बार तनख्वाह देने के लाले पड़ जाते हैं। कभी सफाई कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिली, कभी शिक्षकों को तनख्वाह मिली, कभी डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं मिली। आखिर नगर निगम के अंदर ऐसे पैसे की इतनी कमी क्यों हो रही है, यह सोचने वाली बात है। इतनी पैसे की कमी क्यों हो रही है? कुछ लोग कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने पैसा नहीं दिया? मैंने अपने वित्तमंत्री और सभी अधिकारियों से पूरा पता किया और पाया कि एक-एक पैसा, जितना एमसीडी का बनता था, दिया गया है।
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