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10वीं की छात्रा के लिए जानलेवा साबित हुआ रात में मोबाइल पर बात करना

छात्रा की मौत के बाद परिजन ने बिना पुलिस को सूचना दिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया। परिजन कोई कार्रवाई नहीं चाहते। पुलिस अपनी तरफ से जांच कर रही है।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 06:03 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 06:03 PM (IST)
10वीं की छात्रा के लिए जानलेवा साबित हुआ रात में मोबाइल पर बात करना
10वीं की छात्रा के लिए जानलेवा साबित हुआ रात में मोबाइल पर बात करना

गाजियाबाद (जेएनएन)। आपने अक्सर सुना होगा कि मोबाइल पर ज्यादा समय बिताना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, लेकिन कई बार ये जानलेवा भी हो जाता है। सोमवार रात गाजियाबाद में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। 10वीं की एक छात्रा के लिए रात में मोबाइल पर बात करना जानलेवा साबित हुआ। छात्रा की मौत के बाद परिजन ने बिना पुलिस को सूचना दिए अंतिम संस्कार कर दिया। परिजन मामले में कोई जांच या कार्रवाई नहीं चाहते हैं। हालांकि पुलिस अपने स्तर पर जांच करने की बात कह रही है।

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मोबाइल पर बात करने के दौरान छात्रा की मौत की ये सनसनीखेज घटना साहिबाबाद के श्याम पार्क मेन में सोमवार रात करीब ग्यारह बजे हुई। आगरा के रहने वाले एक व्यक्ति परिवार के साथ श्यामपार्क मेन में रहते हैं। वह कैटरिंग का काम करते हैं। उनकी 17 वर्षीय बेटी पास के एक सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा की छात्रा थी। करीबी रिश्तेदार के मुताबिक सोमवार रात पूरे परिवार के साथ खाना खाने के बाद छात्रा तीसरी मंजिल की छत पर सोने के लिए चली गई थी। रात करीब 11 बजे मोबाइल पर बात करते समय छात्रा संदिग्ध परिस्थितियों में छत से नीचे आ गिरी। जब तक परिजन नीचे पहुंचे तब तक उसके शरीर से काफी खून बह चुका था। परिजन ने उसे पास के निजी अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।

पुलिस को नहीं दी सूचना, किया अंतिम संस्कार

साहिबाबाद पुलिस के मुताबिक छात्रा के परिजनों ने घटना के बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी थी। मंगलवार सुबह नौ बजे छात्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लोगों से घटना की सूचना मिलने पर किशोरी के घर पुलिस पहुंची। इस पर परिजनों ने छात्रा की स्वाभाविक मौत बताकर पुलिस कार्रवाई से इंकार कर दिया। पुलिस को घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। सीओ साहिबाबाद डॉ राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि परिजनों ने घटना की शिकायत नहीं दी है। अगर कोई पुलिस शिकायत मिलती है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बच्चों के लिए हानिकारक हो रहा मोबाइल

समाज शास्त्री डा. निशा ठाकुर का कहना है कि वर्तमान समय में मोबाइल जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग वर्ग तक के लोग हर रोज तीन से चार घंटे मोबाइल पर बिताते हैं। कई बार बच्चे मोबाइल में व्यस्तता के कारण खाना भी नहीं खाते। मोबाइल पर बात करते समय लोग सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं। परिजनों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से रोकें। दुष्प्रभाव के बारे में भी बताएं और हो सके तो बच्चों को मोबाइल से दूर रखें।

पहले भी मोबाइल पर बात करने के दौरान हुई हैं मौतें

इससे पहले भी मोबाइल पर बात करने के दौरान कई मौतें हो चुकी हैं। मोबाइल पर बात करने के दौरान सबसे ज्यादा मौतें सड़क हादसों में होती है। पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब मोबाइल पर व्यस्त शख्स को सड़क पार करते वक्त किसी वाहन ने कुचल दिया। ग्रेटर नोएडा के दादरी में मोबाइल पर बात करते हुए रेलवे पटरी पार करने के दौरान कई लोगों की जान जा चुकी है। यही वजह है कि पुलिस और विशेषज्ञ सड़क पर चलते वक्त या सफर के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं।


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