दिवाली से पहले दिल्ली-यूपी को बड़ा तोहफा, हिंडन एयरबेस से शुरू होगी घरेलू उड़ान
मेरठ, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर सहित आसपास के एक दर्जन जिले के लोगों के लिए उड़ान सेवा आसान हो जाएगी।
गाजियाबाद (जेएनएन)। हिंडन एयरबेस से घरेलू उड़ान सेवा शुरू होने का करार प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच हो गया है। लखनऊ में नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों और एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों के बीच एमओयू साइन हुआ। करार के अनुसार अथॉरिटी हर साल 44 लाख रुपये किसानों को जमीन का किराया देगी। दिवाली 7 नवंबर को है। वहीं, प्रशासन का दावा है कि इससे पहले उड़ान शुरू हो जाएगी। इससे पूर्वी दिल्ली के साथ गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर सहित आसपास के एक दर्जन जिले के लोगों के लिए उड़ान सेवा आसान हो जाएगी।
अब कैबिनेट में जाएगा प्रस्ताव
बताया जा रहा है कि हिंडन टर्मिनल को जोड़ने वाली सड़क के लिए करीब 9 हजार वर्ग गज भूमि की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए किसानों की भी कुछ जमीन ली जानी है, बची भूमि आवास विकास परिषद की होगी। इसके लिए इसी महीने यूपी कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है।
रीजनल कनेक्टीविटी के तहत केंद्र सरकार देश के कई जिलों में घरेलू उड़ान के लिए एयरपोर्ट बना रही है। इसी कड़ी में पिछले साल नवंबर में हिंडन एयरबेस से घरेलू उड़ान सेवा की कवायद शुरू हुई थी। हिंडन एयरबेस कीन ओर से अपने रनवे का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के बाद सिविलियन टर्मिनल बनाने के लिए जमीन की तलाश शुरू हुई। जमीन सिकंदरपुर गांव में मिल गई। गांव के करीब 29 किसानों से जमीन लीज पर लेने के लिए प्रशासन के अधिकारियों की वार्ता होने के बाद लीज प्रारूप तैयार कर शासन को भेज दिया गया। करीब 200 रुपये वर्गमीटर का रेट तय होने के बाद प्रारूप को शासन ने हरी झंडी दे दी। लीज तीन साल के लिए ली जा रही है। जमीन का किराया एयरपोर्ट अथॉरिटी सालाना देगी।
एमओयू साइन होने के बाद इसी हफ्ते अथॉरिटी लीज का पैसा प्रशासन को भेज देगी। पैसा मिलते ही प्रशासन जमीन लीज पर लेने का काम शुरू कर देगा। अधिकारियों का कहना है कि एक हफ्ते से दस दिन के अंदर लीज लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अगस्त के पहले हफ्ते से अथारिटी टर्मिनल बनाने का काम शुरू कर देगी। हिंडन से घरेलू उड़ान सेवा शुरू होने से जिले के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोगों को फायदा होगा। उन्हें फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि गत दिनों लखनऊ में प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के अधिकारियों के बीच एमओयू साइन हो गया है। इसी हफ्ते अथारिटी से पैसा मिलने की उम्मीद है। पैसा मिलते ही किसानों से लीज पर जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एक हफ्ते के अंदर किसानों को एक साल का किराया एक मुश्त दे दिया जाएगा। टर्मिनल के निर्माण का काम अगले महीने शुरू हो जाने की उम्मीद है। अक्टूबर-नवंबर तक उड़ान सेवा शुरू हो जाने की उम्मीद कर सकते हैं।
यहां पर बता दें कि केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने छोटे-छोटे शहरों को भी वायु मार्ग से जोड़ने की योजना बनाई है। इसके तहत वायु सेना के रनवे का इस्तेमाल घरेलू उड़ान के लिए किया जाना है। इसी योजना में हिंडन एयरफोर्स स्टेशन को भी शामिल किया गया है। यहां के एक रनवे को सिविलियन एयरपोर्ट की घरेलू उड़ान के लिए रिजर्व रखा जाएगा।
जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन देने को राजी नहीं किसान
उधर, जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति लेने में प्रशासन नाकाम रहा। रामनेर गांव में प्राथमिक विद्यालय में किसानों की सहमति लेने के लिए प्रशासन ने सोमवार को शिविर लगाया।
शिविर में जैसे ही प्रशासन ने मुआवजा दर घोषित की, इससे असंतुष्ट होकर किसान शिविर से बाहर निकल गए। किसानों ने पंचायत कर प्रदेश सरकार व यमुना प्राधिकरण पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया और घोषित दर पर जमीन देने से इन्कार कर दिया। तीन घंटे तक शिविर में बैठने के बाद अधिकारी भी वापस लौट गए।
एसडीएम जेवर ने किसानों को जानकारी दी कि प्रशासन ने हवाई अड्डे के लिए अधिग्रहीत जमीन की मुआवजा दर 1895 रुपये प्रति वर्गगज निर्धारित की है। इसके साथ ही प्रभावित प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी व अन्य लाभ की जानकारी भी दी। मुआवजा दर घोषित होते ही किसान शिविर से खिसकने लगे।
किसानों से शिविर के समीप एक घर में पंचायत की। हालांकि अधिकारियों ने किसानों को सहमति के लिए मनाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने निर्धारित दर को लेकर असंतुष्टि जताई। किसानों ने कहा कि सरकार व यमुना प्राधिकरण ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। मुआवजा दर कम रखने के लिए प्रभावित क्षेत्र को पहले ही शहरी इलाका घोषित कर दिया। किसानों ने सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा देने की मांग की।