Move to Jagran APP

Mobile Phone Usage ALERT! मोबाइल फोन पर गेम में अधिक समय बिता रहे बच्चे, लत बढ़ने का खतरा

बच्चे पढ़ाई के साथ खेलते भी मोबाइल पर ही हैं। ऐसे में यदि माता-पिता मोबाइल न दें तो ऑनलाइन क्लास नहीं करने की धमकी देते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 08:27 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 08:27 AM (IST)
Mobile Phone Usage ALERT! मोबाइल फोन पर गेम में अधिक समय बिता रहे बच्चे, लत बढ़ने का खतरा
Mobile Phone Usage ALERT! मोबाइल फोन पर गेम में अधिक समय बिता रहे बच्चे, लत बढ़ने का खतरा

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लंबे समय से घरों में रहने को मजबूर बच्चों की स्क्रीन टाइम बढ़ गई है। ऑनलाइन पढ़ाई की बात तो ठीक है, लेकिन वे मोबाइल पर वीडियो देखने व गेम खेलने में अधिक समय बिता रहे हैं। इससे बच्चों में मोबाइल व इंटरनेट की लत लगने का खतरा बढ़ गया है। एम्स के अध्ययन में बात सामने आई है कि कोरोना के इस दौर में छोटे बच्चे ही नहीं, बल्कि कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों में भी मोबाइल पर गेम खेलने की आदत बढ़ गई है। इससे चिंतित माता-पिता भी मनोचिकित्सकों से संपर्क कर रहे हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बच्चे मोबाइल की लत से पीड़ित न हो जाएं।

loksabha election banner

एम्स का यह अध्ययन 'इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ' में प्रकाशित हुआ है। एम्स के मनोचिकित्सा विभाग व नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एनडीडीटीसी) के डॉक्टरों ने कॉलेज के 393 छात्रों पर यह अध्ययन किया है। जिसमें पाया गया कि 50.8 फीसद छात्र मोबाइल पर गेम खेलने में अधिक समय दे रहे हैं। खास बात यह है कि 18 फीसद छात्र किसी तरह समय निकालने के लिए गेम खेलते थे। वहीं कुछ छात्रों ने कोरोना से मानसिक तनाव कम करने के लिए भी मोबाइल पर गेम खेलना शुरू कर दिया। हालांकि 14.6 फीसद छात्र ऐसे भी थे, जिनमें पहले के मुकाबले गेम खेलने की प्रवृत्ति कम हो गई।

अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि 26.9 फीसद छात्र अवसाद से पीडि़त थे। वहीं 14.8 फीसद छात्र इंटरनेट पर गेम खेलने की लत से पीडि़त थे, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मानसिक बीमारियों की सूची में शमिल कर चुका है।

इस अध्ययन में शामिल एम्स के मनोचिकित्सा विभाग व एनडीडीटीसी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. यतनपाल सिंह बलहारा ने कहा कि छोटे बच्चे भी मोबाइल पर खूब समय बिता रहे हैं। उनकी ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, लेकिन समस्या है कि पढ़ाई के बाद बच्चे वीडियो देखने व गेम खेलने में व्यस्त हो जाते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई निर्धारित समय के लिए होती है। अब तो इसके लिए दिशानिर्देश भी तय कर दिए गए हैं, लेकिन मोबाइल देने के बाद माता-पिता भी भूल जाते हैं कि मोबाइल बच्चे के पास ही है। लत लग जाने के बाद बच्चे मोबाइल छोड़ने को तैयार नहीं होते। तब माता-पिता मनोचिकित्सक से संपर्क करते हैं।

वहीं, आरएमएल अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ. आरपी बेनिवाल ने कहा कि लंबे समय से घरों में रहने के कारण बच्चों में चिड़चिड़ेपन की समस्या देखी जा रही है। बच्चे पढ़ाई के साथ खेलते भी मोबाइल पर ही हैं। यदि माता-पिता मोबाइल न दें तो ऑनलाइन क्लास नहीं करने की धमकी देते हैं। ओपीडी में कुछ ऐसे मामले पहुंच रहे हैं।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.