MCD स्कूल के छात्रों ने नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से किया ऑनलाइन संवाद, पूछे ये सवाल
जाहरा ने बताया कि उनको नासा मंगल ग्रह पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्री के रूप में प्रशिक्षण दे रहा है। जाहरा व अमांडा भी बच्चों से लाइव बात करके बहुत खुश हुए।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। अंतरिक्ष में कैसा लगता है। वहां खाना कैसे खाते हैं। कैसे चलते हैं। पानी कैसे पीते होंगे, वह तो हवा में ही उड़ जाता होगा न...। ऐसे दर्जनों सवाल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के छात्र-छात्राओं ने नासा के प्रशिक्षु अंतरिक्ष विज्ञानियों जाहरा मैरी रोजिनी एवं अमांडा न्यूस्टन से ऑनलाइन बातचीत के दौरान पूछे। कार्यक्रम में शामिल शिक्षकों ने बताया कि विज्ञानियों ने एक घंटे का समय दिया था लेकिन बच्चों के सवाल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरूक करने व विज्ञान में उनकी रुचि बढ़ाने के लिए निगम ने रीच एंड टीच कार्यक्रम के तहत यह सत्र आयोजित किया था। जाहरा ने बताया कि उनको नासा मंगल ग्रह पर कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्री के रूप में प्रशिक्षण दे रहा है। जाहरा व अमांडा भी बच्चों से लाइव बात करके बहुत खुश हुए। एसडीएमसी के शिक्षा निदेशक शिरीष शर्मा ने भी बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
एसडीएमसी में हैं 140 विज्ञान क्लब
एसडीएमसी में विज्ञान प्रसार द्वारा स्थापित 140 विपनेट विज्ञान क्लबों में हजारों बच्चे जुड़े हैं। साउथ जोन में 37 विज्ञान क्लब हैं। एसडीएमसी के नौ अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के कुल 23 बच्चों के लिए विज्ञान क्लबों के जोनल कोआर्डिनेटर अमित कुमार शर्मा ने नासा के प्रशिक्षु अंतरिक्षी विज्ञानियों जाहरा मैरी रोजिनी एवं अमांडा न्यूस्टन के साथ अंतरिक्ष यात्रियों एवं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन विषय पर ऑनलाइन बातचीत का कार्यक्रम आयोजित किया था। इस बातचीत में निगम के 10 शिक्षक-शिक्षिकाएं भी शामिल हुए।
बच्चों ने पूछे ये सवाल
- अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए क्या योग्यता आवश्यक है।
- अंतरिक्ष यात्रियों को किन-किन परिस्थितियों में रहना होता है। किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- अंतरिक्ष यात्रियों का दैनिक कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण कैसे होता है।
- अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर यात्री खाते-पीते कैसे हैं। वहां क्या खोज एवं अनुसंधान करते हैं।
एसडीएमसी साउथ जोन की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी शर्मा ने बताया कि विज्ञान में बच्चों की रुचि बढ़ाने के लिए एसडीएमसी के विज्ञान क्लबों द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इससे उन बच्चों को प्रोत्वाहन मिलेगा जो बच्चे आगे चलकर विज्ञान के क्षेत्र में कुछ अच्छा करना चाहते हैं। इससे बच्चों में नवोन्मेष की भावना भी जागृत होती है।
जोनल कोआर्डिनेटर विज्ञान क्लब के अमित कुमार शर्मा ने बताया कि हम लोग बच्चों को जागरूक व उन्हें नित नई तकनीक व विज्ञान के क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम करते रहते हैं। हालांकि नासा के वैज्ञानिकों से बच्चों ने पहली बार सीधी बातचीत की है। आगे भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहेंगे।
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