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ओपन जिम में सुस्ती दूर कर रहे बच्चे, दिमाग और शरीर दोनों होगा स्वस्थ

अब हर संस्थान में चाहे वह निगम स्कूल हो या फिर कॉलेज हर जगह ओपन जिम की सुविधा देखने को मिलती है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 11:35 PM (IST)
ओपन जिम में सुस्ती दूर कर रहे बच्चे, दिमाग और शरीर दोनों होगा स्वस्थ
ओपन जिम में सुस्ती दूर कर रहे बच्चे, दिमाग और शरीर दोनों होगा स्वस्थ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रतिस्पर्धा के दौर में हर कोई सफलता की सीढ़ियां चढ़ने में मशगूल है। फिर चाहे रास्ता पथरीला हो या सुगम। माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे ऑल राउंडर बनें और प्रतिस्पर्धा व तकनीकी युग में सफल हों। ऐसे में माता-पिता ने बच्चों पर अपनी उम्मीदों का भारी-भरकम बोझ डाल दिया है। ऐसी स्थिति में नियमित कसरत व योग बच्चों के सर्वागीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इससे बच्चों में उत्साह बना रहता है और उन्हें स्वस्थ रखने में भी अपना योगदान देता है।

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शिक्षा संस्थानों ने इस बात को बखूबी समझा है और यही कारण है कि अब हर संस्थान में चाहे वह निगम स्कूल हो या फिर कॉलेज हर जगह ओपन जिम की सुविधा देखने को मिलती है। कहीं न कहीं इसका बड़ा कारण प्रधानमंत्री का फिट इंडिया मिशन भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर बच्चों का योग व कसरत की ओर रुझान बढ़ा है।

निगम स्कूलों में कसरत के लिए रोजाना आधे घंटे का हर कक्षा के लिए समय निर्धारित है। खास बात यह है कि बच्चे भी अच्छे स्वास्थ्य का महत्व समझने लगे हैं। वे जानते हैं कि करियर की दौड़ में बने रहने के लिए पहले खुद को मानसिक व शारीरिक दोनों तरह से फिट रखना जरूरी है।

नजफगढ़ जोन में शिक्षा विभाग की उपनिदेशक नीरा का कहना है कि निगम स्कूल में बच्चों की नींव को मजबूत करने का काम किया जाता है। इस दौरान उन्हें नियमित रूप से व्यायाम व कसरत की आदत डालने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे जीवनभर इस पर अमल करें। खराब जीवनशैली के कारण आज काफी कम उम्र में बच्चे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे जैसी कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि बचपन से बच्चों को कसरत व अच्छे स्वास्थ्य का महत्व समझाया जाए।

असल में कसरत करने से न सिर्फ तनाव दूर होता है बल्कि दिमाग से नकारात्मक शक्तियां दूर होकर सकारात्मक विचार आने लगते हैं। इसके अलावा मन खुश रहता है और हिम्मत भी बढ़ती है। शरीर को भरपूर ऑक्सीजन प्राप्त होता है। साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। कसरत के साथ-साथ बच्चों को अच्छे खानपान के लिए भी जागरूक किया जाता है, उन्हें प्रेरित किया जाता है कि वे जंक फूड खाने के बजाय फल व पौष्टिक खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन करें।

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