Chhath Puja 2020: कोरोना ने बदला सूर्य को अर्घ्य देने का अंदाज, घाट की जगह छत पर सूर्य को अर्घ्य देंगे श्रद्धालु
ललिता देवी ने बताया कि वह पिछले सात साल से छठ का व्रत रख रही हैं। पहले उनकी सास यह व्रत करती थीं। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते ऐसा पहली बार हो रहा है जब वह यमुना घाट की जगह अपने घर की छत पर सूर्य को अर्घ्य देंगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना के चलते सरकार ने इस बार सार्वजनिक रूप से छठ पूजा के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। इस बार छठ पूजा समितियों द्वारा यमुना घाट, अस्थायी तालाब या पार्कों में छठ पूजा का आयोजन नहीं होगा। ऐसे में लोगों ने घरों में ही छठ पूजा मनाने की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसा पहली बार होगा जब घाटों की जगह लोग छत पर बाथ टब में रहकर सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसके लिए जहां बाजार में कई आकार के टब उपलब्ध हैं। वहीं, कुछ लोगों ने अपने घर की छत पर सीमेंट के टैंक भी बनवा लिए हैं।
घर की छत पर बनवाया सीमेंट का टैंक
पूर्वांचल के लोगों में छठ पूजा का विशेष महत्व है। हर वर्ष यमुना घाट, अस्थायी तालाब व पार्कों में सैकड़ों लोग इकठ्ठा होकर पूजन करते थे। कई जगहों पर तो मेला भी लगता था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार छठ पर पहले जैसा नजारा देखने को नहीं मिलेगा। दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में लोगों ने अपने घर की छतों पर ही इसके आयोजन की तैयारी की है। दयालपुर में रहने वाली अधिवक्ता अपराजिता शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर ही सीमेंट का टैंक बनवाया है और उसे पेंट करके अच्छे से तैयार करवा लिया है। उनकी सास शशिकला छठ पर व्रत रखेंगी और इसी टैंक में रहकर शाम को डूबते व सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देंगी।
वहीं, ललिता देवी ने बताया कि वह पिछले सात साल से छठ का व्रत रख रही हैं। पहले उनकी सास यह व्रत करती थीं। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते ऐसा पहली बार हो रहा है जब वह यमुना घाट की जगह अपने घर की छत पर सूर्य को अर्घ्य देंगी। उन्होंने घर पर छठ पर्व मनाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए उन्होंने प्लास्टिक का एक बाथ टब भी खरीद लिया है। जोकि पांच फुट लंबा है। उसी के अंदर रहकर वह सूर्य को अर्घ्य देंगी।
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