दिल्ली दंगाः जाफराबाद इलाके में हिंसा के एक मामले में शाहरुख पठान समेत पांच पर आरोप तय
Jaffrabad Delhi riots case उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे के दौरान जाफराबाद इलाके में एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला करने के मामले में आरोपित शाहरुख पठान समेत पांच लोगों के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे में जाफराबाद इलाके में युवक पर गोली चलाने के मामले में बृहस्पतिवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित शाहरुख पठान समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में आरोपितों ने खुद को बेगुनाह बताते हुए मुकदमे में ट्रायल की मांग की है। इससे पहले शाहरुख पठान के खिलाफ दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के मामले में आरोप तय हुए थे।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले साल फरवरी में दंगे हुए थे। उस दौरान 24 फरवरी को जाफराबाद इलाके में मौजपुर चौक के पास शास्त्री गली नंबर-एक से 30-40 मीटर की दूरी पर दंगाइयों ने रोहित शुक्ला नामक युवक पर गोली चलाई गई थी, जिससे वह घायल हो गए थे। यहां पर पथराव भी हुआ था, उसमें दो पुलिस कर्मियों को गंभीर चोट आई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपित शाहरुख पठान, गुलफाम उर्फ सोनू चिकना, आतिर, ओसामा और सलमान के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। उसमें यह भी बताया गया था कि पांचों रोहित पर जानलेवा हमला करने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा थे।
इस मामले में गोली चलाने वाले शख्स की पहचान नहीं हो पाई थी, क्योंकि उसने मुंह ढका हुआ था। अभियोजन की तरफ से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अनुज हांडा ने कोर्ट को बताया कि काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) और गवाहों के बयान से आरोपितों की घटनास्थल मौजूद होने की पुष्टि हुई थी। शाहरुख पठान से जुड़ा वीडियो भी कोर्ट को दिखाया गया। आरोपितों के वकीलों ने दलील दी कि इस मामले में उनके मुवक्किलों को गलत फंसाया है। साथ ही कहा था कि यह मामला मुकदमे के दोहराव का है। ज्यादातर वही साक्ष्य और गवाह इस मामले में हैं, जिन्हें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने वाले मामले में पेश किया गया।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने पांचाें आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार का इस्तेमाल करने), 149 (गैर कानूनी समूह में समान मंशा से अपराध करने), 153ए (विभिन्न संप्रदाय व समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने), 186 (सरकारी कर्मचारी के कार्य में स्वेच्छा से बाधा डालने), 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन करने), 283 (रास्ता बाधित करने), धारा 332 (लोक सेवक को चोट पहुंचने), 353 (सरकारी कर्मचारी के कार्य में बाधा डालने के लिए बल प्रयोग करने), 307 (हत्या का प्रयास करने) के तहत आरोप तय कर दिए। बता दें कि शाहरुख पठान के खिलाफ दंगे से जुड़े दो मामले दर्ज हुए थे। दोनों में उस पर आरोप तय हो चुके हैं।