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Chandni Chowk: कटरा धुलिया स्थित हनुमान मंदिर को तोड़ने के विरोध में बनाई गई मानव श्रृंखला

शनिवार को स्थानीय लोगों ने इसका मानव श्रृंखला बनाकर विरोध किया। सैकड़ों लोग सुबह करीब 10 बजे से ही चांदनी चौक के कटरा धुलिया सेंट्रल बैंक के पास बने हनुमान मंदिर पर एकत्रित हुए और एक दूसरे का हाथ से हाथ पकड़कर मानव श्रृंखला बनाई।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 01:31 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 01:31 PM (IST)
Chandni Chowk: कटरा धुलिया स्थित हनुमान मंदिर को तोड़ने के विरोध में बनाई गई मानव श्रृंखला
चांदनी चौक के कटरा धुलिया स्थित हनुमान मंदिर को तोड़ने से रोकने के लिए एकत्रित हुए लोग।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चांदनी चौक इलाके में बने हनुमान मंदिर को तोड़ने के आदेश के विरोध में स्थानीय लोग अब एकत्रित हो गए हैं। शनिवार को स्थानीय लोगों ने इसका मानव श्रृंखला बनाकर विरोध किया। सैकड़ों लोग सुबह करीब 10 बजे से ही चांदनी चौक के कटरा धुलिया सेंट्रल बैंक के पास बने हनुमान मंदिर पर एकत्रित हुए और एक दूसरे का हाथ से हाथ पकड़कर मानव श्रृंखला बनाई।

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मंदिर के पुजारी पंडित अशोक शर्मा ने बताया कि वह पिछले 45 सालों से मंदिर की सेवा में हैं। इससे हजारों लोगो कि आस्था जुड़ी है। लाखों भक्त हर साल भगवान हनुमान की कृपा का लाभ लेते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल तक कोई भी मंदिर तोड़ने को जिक्र नहीं था, लेकिन अचानक अक्टूबर से इस मंदिर को तोड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके पीछे कुछ लोगों का निजी स्वार्थ है, जिनका मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है। बाजार एसोसिएशन से जुड़े लोग इसमें शामिल हैं, जिससे उन्हें लाभ होने की उम्मीद है। मंदिर का विरोध करने पहुंचे हर्ष राज ने कहा कि मंदिर को नहीं तोड़ा जाना चाहिए। इससे हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। साथ ही लोगों में आक्रोश भी होगा। सरकार को अपने आदेश में संसोधन करना चाहिए। इससे लोगों को भी अच्छा लगेगा।

उन्होंने कहा कि इस मंदिर में पुरानी दिल्ली ही नहीं बल्कि एनसीआर के लोग मंगलवार और शनिवार को आकर पूजा अर्चना करते हैं। ऐसे में मंदिर टूटने से उन्हें बुरा लगेगा। इस दौरान कपिल शर्मा ने कहा कि अगर यह मंदिर तोड़ा गया तो वह इसके खिलाफ मुहिम चलाएंगे और सरकार का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के अंदर मंदिर टूटने की सूचना के बाद से आक्रोश हैं और इसे बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के चांदनी चौक की सौंदर्यकरण के वर्ष 2016 व 2018 के आर्किटेक्ट प्लान में मंदिर तोड़ने का कोई जिक्र नहीं है तो इसे क्यों तोड़ा जा रहा है। 

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