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सी फार्म घोटाला: जांच पूरी होने से पहले ही अधिकारियों का निलंबन वापस, मिली नई तैनाती Gurugram News

बिना कारोबार हुए ही सी-फार्म जारी करने से लेकर वैट रिफंड घोटाला मामले में आरोपित अधिकारियों का निलंबन जांच पूरी होने से पहले ही प्रदेश सरकार ने वापस ले लिया।

By Edited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:31 PM (IST)
सी फार्म घोटाला: जांच पूरी होने से पहले ही अधिकारियों का निलंबन वापस, मिली नई तैनाती Gurugram News
सी फार्म घोटाला: जांच पूरी होने से पहले ही अधिकारियों का निलंबन वापस, मिली नई तैनाती Gurugram News

गुरुग्राम [आदित्य राज]। बिना कारोबार हुए ही सी-फार्म जारी करने से लेकर वैट रिफंड घोटाला मामले में आरोपित अधिकारियों का निलंबन जांच पूरी होने से पहले ही प्रदेश सरकार ने वापस ले लिया। सभी को विभिन्न जिलों में तैनात भी कर दिया गया। यह मामला विभागीय कार्यालय से लेकर कारोबारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी दबी जुबान से यही कह रहे हैं कि जब जांच पूरी होने से पहले ही निलंबन वापस लेना था फिर निलंबित क्यों किया गया था।

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पिछले साल फरवरी के दौरान विपिन एंटरप्राइजेज नामक फर्म ने आबकारी एवं कराधान विभाग गुरुग्राम से 52 करोड़ रुपये का रिफंड मांगा था। रिफंड देने से पहले मामले की जांच की गई तो जानकारी सामने आई तो जांच अधिकारी के होश उड़ गए। जांच में पता चला कि फर्म ही फर्जी है। पहले फर्जी फर्म बनाकर पंजीकृत कराया गया। फिर कई फर्जी फर्मों से फर्जी कारोबार दिखाकर रिफंड का दावा किया गया। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि बिना कारोबार हुए ही सैकड़ों सी-फार्म अधिकारियों ने जारी कर दिए। वैसे बिना कारोबार हुए ही सी-फार्म जारी करने की शिकायत पहले से सामने आ रही थी लेकिन पिछले साल फरवरी के बाद जांच तेज होने पर पता चला कि गुरुग्राम सहित कई जिलों में तैनात अधिकारियों द्वारा बोगस सी-फार्म जारी किए गए।

इस तरह बिना कारोबार हुए ही सी-फार्म जारी करने से लेकर वैट रिफंड घोटाला मामले में 9 अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया था 15 जुलाई को सभी का निलंबन एक साथ वापस ले लिया गया। क्या है सी-फार्म घोटाला जीएसटी लागू होने से अंतरराज्यीय कारोबार करने पर सी-फार्म का इस्तेमाल किया जाता था। वैसे अभी भी पुराने मामलों में सी-फार्म का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रावधान से एक राज्य का कारोबारी दूसरे राज्य से माल केवल दो प्रतिशत टैक्स देकर खरीदता था।

आरोप है कि कारोबारियों ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके बिना कारोबार किए ही फर्जी फर्मों के नाम पर सी-फार्म जारी करा लिया। आशंका है कि बिना कारोबार किए ही सी-फार्म जारी करने से सबसे अधिक नुकसान दिल्ली सरकार को हुआ है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि दिल्ली से हरियाणा में सबसे अधिक कारोबार होता है। दिल्ली के कारोबारियों ने गुरुग्राम या हरियाणा के किसी भी जिले में फर्जी फर्म बनाकर पंजीकरण करा लिया। बाद में फर्जी फर्मों से कारोबार दिखाकर रिफंड का दावा कर दिया। गुरुग्राम जिले में 50 से अधिक फर्जी फर्मों का भंडाफोड़ हो चुका है।

इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि निलंबन वापस लेने का यह मतलब नहीं है कि सभी आरोपमुक्त हो गए। सभी के खिलाफ प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है। आगे की जांच चल रही है। जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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