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दिल्ली 30 लाख वोटरों के नाम कटे या नहीं? चुनाव आयोग जल्द लाएगा सच्चाई

दुर्भावनापूर्ण तरीके से लाखों नाम काटे जाने के आरोप को निराधार करार देते हुए रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मतदाता सूची से नाम काटे जाने अथवा जोड़े जाने की पूरी प्रक्रिया होती है।

By Edited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 10:14 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 08:56 AM (IST)
दिल्ली 30 लाख वोटरों के नाम कटे या नहीं? चुनाव आयोग जल्द लाएगा सच्चाई
दिल्ली 30 लाख वोटरों के नाम कटे या नहीं? चुनाव आयोग जल्द लाएगा सच्चाई

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। मतदाता सूची से नाम काटे जाने के विवाद का पटाक्षेप जल्द होने की संभावना है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय न केवल वस्तुस्थिति स्पष्ट करेगा, बल्कि नाम काटे एवं जोड़े जाने की प्रकिया से भी अवगत कराएगा। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार है, केवल निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

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आम आदमी पार्टी (AAP) यह आरोप लगा रही है कि दुर्भावना से प्रेरित होकर मतदाता सूची से लाखों मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं। नाम मुख्य रूप से उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों में काटे गए हैं, जहां भाजपा का जनाधार कम है। नवंबर में हुए विधानसभा के विशेष सत्र में भी इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान गहमागहमी हुई थी।

वहीं, भाजपा इस आरोप को झुठला रही है। भाजपा का कहना है कि हर विधानसभा क्षेत्र में नाम कटे कम, जबकि जुड़े ज्यादा हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस विवाद पर एक विस्तृत प्रजेंटेशन रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में मतदाताओं के नवीनतम आंकड़ों के साथ सच्चाई रखी गई है।

दुर्भावनापूर्ण तरीके से लाखों नाम काटे जाने के आरोप को निराधार करार देते हुए रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मतदाता सूची से नाम काटे जाने अथवा जोड़े जाने की पूरी प्रक्रिया होती है।

मतदाता सूची में साल भर सुधार का काम चलता रहता है। किसी भी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता की मौत होने या शहर छोड़कर जाने से नाम कटते हैं, जबकि 18 वर्ष की आयु पूरी हो जाने के कारण नाम जुड़ते हैं।

मतदाता सूची में नाम कटने से ज्यादा जुड़ते हैं। अगर गलती से कोई नाम कट भी जाए तो दो माह तक मतदाता आपत्ति दर्ज करा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2015 से 2018 के दौरान करीब ढाई लाख नाम मतदाताओं ने फार्म 7 भरकर स्वयं कटवाए हैं। ये वे मतदाता थे, जिनका कहीं स्थानांतरण हो गया। करीब आठ लाख नाम मतदाता सूची की खामियां मसलन दोहराव आदि दुरुस्त करने के क्रम में काटे गए हैं।

वहीं इन चार वर्षों में करीब पौने 14 लाख (13.73 लाख) नाम जोड़े गए हैं। इस संबंध में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने स्वीकार किया कि निर्वाचन आयोग को प्रजेंटेशन रिपोर्ट भेजी गई है। जल्द ही सभी को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा।


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