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वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने के मुद्दे पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने मांगा समय

केंद्र सरकार ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने के मुद्दे पर जवाब देने लिए दिल्ली हाई कोर्ट से समय मांगा है। मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा है कि आपको 10 दिनों का वक्त दिया सकता है इससे ज्यादा नहीं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 08:14 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 08:14 AM (IST)
वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने के  मुद्दे पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने मांगा समय
अधूरे मन से बात रखना नागरिकों के साथ अन्याय होगा।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने के मुद्दे पर जवाब देने लिए दिल्ली हाई कोर्ट से समय मांगा है। मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा है कि आपको 10 दिनों का वक्त दिया सकता है, इससे ज्यादा नहीं। केंद्र की तरफ से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र त्वरित जवाब नहीं दे सकता।

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अधूरे मन से बात रखना नागरिकों के साथ अन्याय होगा। इस बारे में हित धारकों से परामर्श करना होगा। अदालत केवल एक प्राविधान की वैधानिक या संवैधानिक वैधता तय नहीं कर रही है। इसे सूक्ष्म रूप में नहीं देखा जा सकता है। यहां पर एक महिला की गरिमा दांव पर है, तो पारिवारिक मुद्दे भी हैं।

कई ऐसे विषय हैं, जिन पर सरकार को विमर्श करने होंगे। इस मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति राजीव शकधर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले को लटकाए नहीं रखा जा सकता और अदालत सुनवाई समाप्त करना चाहेगी। इस मामले में अदालत मित्र को जिरह करने दें।

आपको 10 दिनों का वक्त दिया सकता है, इससे ज्यादा नहीं। इस मामले में अदालत मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जान ने हाई कोर्ट को बताया कि उन्हें कई ऐसे ई-मेल आ रहे हैं, जिसमें उन्हें केस छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।


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