Agneepath Scheme: खतरों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों में युवाओं की जरूरत, केंद्र ने दिल्ली HC में कहा
Agneepath Recruitment Scheme केंद्र सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना का बचाब करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश देकर सुनवाई स्थगित कर दी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अग्निपथ भर्ती योजना (Agneepath Recruitment Scheme) का बचाब करते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग करते हुए केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि बाहरी और आंतरिक खतरों का सामना करने वाले भारत के क्षेत्र की रक्षा के लिए चुस्त, युवा और तकनीकी रूप से मजबूत सशस्त्र बलों की आवश्यकता है।
18 नवंबर को होगी मामले में अगली सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केंद्र के जवाब पर याचिकाकर्ताओं को प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। सरकार ने कहा कि सैन्य विशेषज्ञों की राय में भविष्य के युद्धों/सैन्य जुड़ाव का चरित्र अस्पष्ट, अनिश्चित, संक्षिप्त, तेज, घातक, तीव्र व सटीक और अप्रत्याशित होने की संभावना है।
अन्य देशों में 26 वर्ष है सशस्त्र बलों की औसत उम्र
देश की सीमाओं के साथ इलाके के जंगलों, रेगिस्तान, नदी, पहाड़ियों, उच्च ऊंचाई, पहाड़ों और हिमाच्छादित जैसी अंतर्निहित प्रकृति है।केंद्र ने अदालत को बताया है कि सशस्त्र बलों के अधिकारी रैंक के डिवीजनों के मौजूदा ढांचे के विश्लेषण पर यह पाया गया कि भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की औसत आयु 32 वर्ष है, जोकि सेनाओं की वैश्विक स्थिति के बिल्कुल विपरीत है। सरकार के अनुसार दुनिया भर में सशस्त्र बलों की औसत आयु 26 वर्ष है।
योजना को सेवानिवृत्त कर्नल समेत कई उम्मीदवारों ने याचिका दायर कर योजना को रद करने की मांग उठाई है। अग्निपथ योजना लागू होने के बाद रोकी गई पिछली भर्ती प्रक्रियाओं को बहाल करने की उम्मीदवारों ने मांग की है।
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