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दिल्ली विधानसभा के रजत जयंती समारोह पर सियासत हावी, विपक्ष रहेगा नदारद

वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी तक ने समारोह से किनारा कर लिया है। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी उत्सव में पहले मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने वाले थे।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 02:00 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 03:05 PM (IST)
दिल्ली विधानसभा के रजत जयंती समारोह पर सियासत हावी, विपक्ष रहेगा नदारद
दिल्ली विधानसभा के रजत जयंती समारोह पर सियासत हावी, विपक्ष रहेगा नदारद

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विधानसभा गठन के 25 साल पूरा होने पर शनिवार को रजत जयंती समारोह हो रहा है, लेकिन इस पूरे कार्यक्रम पर सियासत हावी होती नजर आ रही है। जहां दिल्ली विधानसभा के रजत जयंती समारोह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी (AAP) के कई बड़े नेता शिरकत करेंगे, वहीं भाजपा और कांग्रेस पार्टी पहले ही समारोह के बहिष्कार की घोषणा कर चुकी है।

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बड़ी बात तो यह है कि वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी तक ने समारोह से किनारा कर लिया है। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी उत्सव में पहले मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने वाले थे। 

बता दें आडवाणी दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के पहले चेयरमैन थे, इसलिए उन्हें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था, लेकिन सहमति देने के बाद और कार्ड में नाम छपने के बाद आडवाणी ने इस कार्यक्रम में आने से मना कर दिया। आडवाणी 1966 से 1970 तक दिल्ली मेट्रोपोलिटन काउंसिल के पहले चेयरपर्सन रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस का कहना है कि 25 साल की विधानसभा में 15 साल जो शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं, उनको बुलाया जाना चाहिए था लेकिन नहीं बुलाया गया, इसलिए कांग्रेस इसका बहिष्कार कर रही है। 

पिछले दिनों रामनिवास गोयल ने कहा था कि आडवाणी को बुलाने के राजनीतिक मायने नहीं लगाए जाने चाहिए। दिल्ली विधानसभा के पूर्व सदस्यों व मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के सदस्यों को भी बुलाया गया है।

वहीं विधानसभा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा सांसद लाल कृष्ण आडवाणी (1966-1970) दिल्ली मेट्रोपॉलिटन के पहले चेयरमैन रहे हैं, इसी नाते रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि बनाया गया था।

उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा व मदनलाल खुराना के परिवार को भी निमंत्रण भेजा गया है।

इसके अलावा मेट्रोपॉलिटन काउंसिल में पदाधिकारी रहे विजय कुमार मल्होत्रा व पूर्व विधायकों को निमंत्रण भेजा गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में 250 से अधिक लोगों के लिए व्यवस्था की गई है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा की पहली बैठक 14 दिसंबर 1993 को हुई थी। 


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