फ्लैट की कीमतें बढ़ाने पर यूपी के प्राधिकरण पर CCI ने लगाया 1.60 करोड़ का जुर्माना
सत्येंद्र सिंह ने जीडीए के एकतरफा निर्णय के खिलाफ 2016 में सीसीआइ में अपील दायर की थी।
गाजियाबाद (जेएनएन)। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने आवंटन के बाद फ्लैट की कीमत बढ़ाने और कब्जा देने में देरी करने का दोषी पाते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) पर एक करोड़ 60 लाख 794 रुपये का जुर्माना लगाया है।
आयोग ने कहा कि जीडीए ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4(2)(ए)(आई) के साथ धारा 4 (1) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। जीडीए इस निर्णय के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील करेगा।
जीडीए प्रताप विहार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 348 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनवा रहा है। 2008 में इनका निर्माण शुरू हुआ था। तभी इसका आवंटन किया गया। 2009 में आवंटन पत्र दिए गए। उस वक्त फ्लैट की कीमत दो लाख रुपये रखी गई थी। वादा किया था कि दो साल में कब्जा दे दिया जाएगा।
आवंटियों को समय से तो नहीं मिला। छह साल के अंतराल के बाद 2015 में जीडीए ने इस फ्लैट की कीमत साढ़े तीन गुना बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी। इसके अलावा, जीडीए ने यह शर्त भी लगा दी कि त्रैमासिक किश्तों के भुगतान में देरी पर जुर्माने के तौर पर 10.5 प्रतिशत ब्याज आवंटी पर प्रतिवर्ष लगाया जाएगा।
बदरपुर के रहनेवाले सत्येंद्र सिंह ने जीडीए के एकतरफा निर्णय के खिलाफ 2016 में सीसीआइ में अपील दायर की थी। उस मामले में सुनवाई करते हुए आयोग ने माना कि सक्षम प्रावधान के बिना कीमत बढ़ा देना मनमानी है। कब्जे देने में देरी करना भी अनुचित है।