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सीबीआइ ने रिश्वतखोरी मामले की जांच के लिए और समय मांगा, अब 4 अप्रैल को होगी सुनवाई

केंद्रीय जांच एजेंसी ने महकमे में रिश्वतखोरी मामले की जांच के लिए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High court) से 6 महीने का और समय देने की मांग की है।

By Edited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 08:02 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 12:59 PM (IST)
सीबीआइ ने रिश्वतखोरी मामले की जांच के लिए और समय मांगा, अब 4 अप्रैल को होगी सुनवाई
सीबीआइ ने रिश्वतखोरी मामले की जांच के लिए और समय मांगा, अब 4 अप्रैल को होगी सुनवाई

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने महकमे में रिश्वतखोरी मामले की जांच के लिए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High court) से 6 महीने का और समय देने की मांग की है। उसके आवेदन पर बृहस्पतिवार को भी हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 अप्रैल को तारीख तय की है। 

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बता दें कि रिश्वतखोरी को लेकर दर्ज एफआइआर को रद करने की पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना व डीसीपी देवेंद्र कुमार की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ के समक्ष दाखिल किए गए आवेदन पर पीठ ने सीबीआइ से राकेश अस्थाना व देवेंद्र गुप्ता के काउंसल को अब तक आवेदन की कॉपी नहीं देने पर सवाल उठाया। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) विक्रमजीत बैनर्जी ने अदालत को बताया कि उन्होंने सीलबंद प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है।

उन्होंने कहा कि जब अस्थाना व देवेंद्र कुमार की याचिका खारिज हो गई है तो जांच पूरी करने के लिए समय मांगने को लेकर दाखिल आवेदन की जानकारी उन्हें देने की जरूरत नहीं है। राकेश अस्थाना व देवेंद्र कुमार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता दयान कृष्णन ने अदालत को बताया कि उन्हें आवेदन की प्रति नहीं दी गई और वह नहीं जानते कि इसमें क्या है।

इस पर पीठ ने विक्रमजीत बैनर्जी से कहा कि आप अपने आवेदन पर फैसला चाहते हैं और दूसरे पक्ष को आवेदन की प्रति भी नहीं दी है। अगर आवेदन की प्रति दूसरे पक्ष को नहीं देना चाहते हैं तो आपके आवेदन का आधार नहीं है। इस पर एएसजी आवेदन की प्रति देने पर सहमत हुए। पीठ ने जांच एजेंसी को आवेदन की एक प्रति राकेश अस्थाना के काउंसल को देने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि मीट कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के मामले में 15 अक्टूबर को सीबीआइ ने तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। सीबीआइ ने देवेंद्र कुमार व मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया था। देवेंद्र को 31 अक्टूबर को जमानत मिल गई थी।

रिपोर्ट रद करने और तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करने की मांग करते हुए राकेश अस्थाना व देवेंद्र कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद अस्थाना ने पूर्व सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया।

केंद्र सरकार ने इस विवाद के बाद आलोक वर्मा व अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था। आखिरकार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ निदेशक की चयन समिति ने आलोक वर्मा को उनके पद से हटा दिया था।


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