बंद कमरे में अंगीठी और हीटर जलाकर सोना हो सकता है जानलेवा, बरतें ये सावधानी
नई दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल के सीएमओ डा. ग्लैडबिन त्यागी ने बताया कि यदि रात में हीटर ब्लोअर या अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं तो इनके करीब प्लास्टिक कपड़े केमिकल्स न हो। ढीले प्लग कटे तार से भी हादसा हो सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी का प्रयोग जानलेवा हो सकता है। अगर आप भी अपने घर में ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं। अंगीठी में कोयले या लकड़ी को जलाने से कार्बन मोनोआक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। अंगीठी ही नहीं, रूम हीटर भी बंद कमरे में ऐसी जहरीली गैसें बना देते हैं, जो जीवन के लिए संकट खड़ा कर सकती हैं।
ऐसे जाती है जान
बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाने से गर्मी बढ़ने से धीरे-धीरे कमरे में आक्सीजन खत्म हो जाती है और कार्बन मोनोआक्साइड अत्यधिक बढ़ जाती है। यह गैस सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इससे खून में हीमोग्लोबिन का स्तर घट जाता है, जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- अगर आप ब्लोअर या हीटर का प्रयोग करते हैं तो इसे थोड़े समय के लिए ही करें
- गर्म कमरे से एकाएक बाहर जाने पर भी बीमार पड़ सकते हैं, अत: हीटर से हटकर कुछ देर समय गुजारें, तब बाहर जाएं
कोयला जलाने पर क्या होता है
बंद कमरे में कोयला जल रहा हो, तो इससे वातावरण में कार्बन मोनोआक्साइड की मात्र बढ़ जाती है । यह गैस ब्रेन पर सीधे असर डालती है और सांसों के जरिये शरीर के अंदर पहुंच जाती है। ब्रेन पर असर होने की वजह से कमरे में सो रहा व्यक्ति बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है।
हीटर जलाने से ये होता है
बंद कमरे में लंबे समय तक ब्लोअर या हीटर जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है और नमी का स्तर कम हो जाता है। इससे जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें भी सांस संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, सांस के मरीज के लिए तो यह बेहद खतरनाक है।
यह सावधानी बरतें
- घर में वेंटिलेशन हो तभी अलाव, हीटर या ब्लोअर चलाएं
- अलाव जलाकर उसके पास न सोएं
- साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें
- आग जलाएं तो जमीन पर सोने से बचें
- घर में अगर कोई बच्चा हो, तो आग न जलाना ज्यादा बेहतर है
- कमरे में यदि ज्यादा लोग सो रहे हैं तो आक्सीजन का स्तर तेजी से कम होता है
- अंगीठी पर अगर कोई खाना बनाता है तो सोने से पहले उसे ठीक तरह से बुझा देना चाहिए
- सांस व किडनी के मरीज अंगीठी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
(स्वामी दयानंद अस्पताल के सीएमओ डा. ग्लैडबिन त्यागी से बातचीत पर आधारित)