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JNU छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला पर उत्तराखंड में केस, लगा भावनाएं भड़काने का आरोप

शहला ने रविवार को ट्वीट किया था कि देहरादून में शनिवार को कुछ कश्मीरी छात्राओं को बंधक बना लिया गया है और पुलिस कुछ नहीं कर रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 08:19 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:19 AM (IST)
JNU छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला पर उत्तराखंड में केस, लगा भावनाएं भड़काने का आरोप
JNU छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला पर उत्तराखंड में केस, लगा भावनाएं भड़काने का आरोप

नई दिल्ली/देहरादून, जेएनएन। कश्मीरी छात्रओं को बंधक बनाने को लेकर की गई टिप्पणी पर जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद के विरुद्ध पुलिस ने सोमवार को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। शहला ने रविवार को ट्वीट किया था कि देहरादून में शनिवार को कुछ कश्मीरी छात्राओं को बंधक बना लिया गया है और पुलिस कुछ नहीं कर रही है। शहला के इस ट्वीट के बाद सीएम और उत्तराखंड पुलिस को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी थी।

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पुलवामा में शहीद सीआरपीएफ की जवानों के सम्मान और पड़ोसी मुल्क को कड़ा सबक सिखाने की मांग करते हुए शनिवार को प्रेमनगर के लोगों ने जुलूस निकाला। जुलूस एक हॉस्टल के सामने से गुजरा तो हॉस्टल की छत पर मौजूद कुछ छात्राएं देश विरोधी नारे लगाने लगीं। इसके बाद लोग उग्र हो गए और हॉस्टल के बाहर धरने पर बैठ गए। इस पर सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया कि कश्मीरी छात्राओं को बंधक बनाया गया। शहला राशिद ने भी इस पर ट्वीट किया था।

केंद्र सरकार को देश भर में पढ़ रहे कश्मीरी छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीट कर कहा कि कश्मीरी छात्र-छात्राएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। मुकदमा दर्ज होने के कुछ देर बाद ही शहला राशिद ने फिर ट्वीट किया। शहला ने लिखा कि मेरे खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन जिन लोगों ने कश्मीरी छात्रों को देहरादून छोड़ने की बात कही उनका क्या।

कश्मीरी छात्र के सेना को अपशब्द कहने पर आक्रोश

वहीं, गुरुग्राम जिले की एक नामी निजी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली कश्मीरी मूल की छात्रा के वाट्सअप स्टेटस से बवाल मच गया है। यूनिवर्सिटी के अन्य छात्र-छात्राओं ने उसे यूनिवर्सिटी से निकालने की मांग शुरू कर दी है। मांग नहीं पूरी होने पर मंगलवार को यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। कश्मीरी मूल की छात्रा ने अपने स्टेटस पर डाला है कि पुलवामा आतंकी हमले से वह दुखी है, लेकिन सेना कश्मीरी महिलाओं के साथ आपत्तिजनक व्यवहार करती हैं।


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