सुनंदा के शरीर पर चोट के 12 निशान मिले थे, जानिये- क्यों बढ़ी कांग्रेस नेता शशि थरूर की मुश्किल
एसआइटी ने आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा के तहत चार्जशीट दायर की है। करीब 3000 पेज की चार्जशीट में एसआइटी ने शशि थरूर को मुख्य संदिग्ध आरोपित माना है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले की अब पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में सुनवाई होगी। गुरुवार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने इस केस को उनकी अदालत में ट्रांसफर कर दिया।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला देते हुए केस ट्रांसफर किया, जिसमें जनप्रतिनिधियों से संबंधित केस की अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करने और एक साल में केस का निपटारा करने का निर्देश दिया गया है। अब 28 मई को मामले की सुनवाई होगी।
कोर्ट के बाहर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मीडिया से कहा कि वह कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करेंगे। इस केस में आइपीसी की धारा 201 (साक्ष्यों को नष्ट करना) जोड़ने की वह कोर्ट से मांग करेंगे। अगली सुनवाई पर कोर्ट इस मामले में दायर चार्जशीट की स्क्रूटनी करेगा।
बता दें कि 17 जनवरी 2014 को चाणक्यपुरी स्थित पांच सितारा होटल लीला पैलेस के सुइट नंबर 345 में संदिग्ध परिस्थितियों में सुनंदा की मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस की एसआइटी (विशेष जांच दल) ने सवा चार साल बाद इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की है।
एसआइटी ने आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा के तहत चार्जशीट दायर की है। करीब 3000 पेज की चार्जशीट में एसआइटी ने शशि थरूर को मुख्य संदिग्ध आरोपित माना है।
एसआइटी के मुताबिक, आइपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) चार्जशीट में इसलिए शामिल की गई है, क्योंकि सुनंदा के शरीर पर चोट के 12 निशान मिले थे। एसआइटी का मानना है कि थरूर की प्रताड़ना से तंग होकर सुनंदा ने खुदकशी की थी।