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ओडिशा के माओवादियों को कारतूस आपूर्ति करने वाला दिल्‍ली में गिरफ्तार

कुख्यात तस्कर ओडिशा में कई गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त था। ओडिशा पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। इसके पास से प्वाइंट 32 बोर व 315 बोर के 35 कारतूस मिले हैं।

By Edited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 09:08 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 09:56 PM (IST)
ओडिशा के माओवादियों को कारतूस आपूर्ति करने वाला दिल्‍ली में गिरफ्तार
ओडिशा के माओवादियों को कारतूस आपूर्ति करने वाला दिल्‍ली में गिरफ्तार

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ओडिशा के माओवादियों को कारतूस आपूर्ति करने वाले एक लाख रुपये का इनामी कारतूस तस्कर को गिरफ्तार किया है। इसके पास से प्वाइंट 32 बोर व 315 बोर के 35 कारतूस मिले हैं। डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए कारतूस तस्कर का नाम राज बहादुर है।

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मजदूरों का ठेकेदार से बना माओवादी
35 वर्षीय राज बहादुर आरा का रहने वाला है। इसके खिलाफ ओडिशा, बिहार व दिल्ली में आ‌र्म्स एक्ट के तीन मामले दर्ज हैं। वह पहले मजदूरों का ठेकेदार था। उसका साला राम कृष्णा सिंह अवैध रूप से कारतूस आपूर्ति करने का काम करता था।

पटना से खरीदता था कारतूस
वह पटना में संतोष से कारतूस खरीदता था जिसे राम कृष्णा सिंह व संजय सिंह अजीत राय को आपूर्ति करते थे। मुंबई में मजदूरों को लेकर अजीत राय व राज बहादुर में परिचय हुआ था। 2008 में ओडिशा पुलिस ने राम कृष्णा सिंह व अजीत राय को माओवादियों को कारतूस आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। बाद में दोनों की जमानत हो गई।

पहले भी हो चुका है गिरफ्तार
राज बहादुर को आरा पुलिस हत्या के प्रयास के आरोप में पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। पिछले साल 12 जुलाई को स्पेशल सेल की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर पहले राम कृष्णा सिंह को दिल्ली से 407 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया था कि वह कारतूस आरा (बिहार) से लेकर आया था, जिसे महाराष्ट्र निवासी अजीत राय को आपूर्ति किया जाना था।

हो चुकी है गिरफ्तारी
अजीत राय भी माओवादी है। उसके खिलाफ 90 के दशक में महाराष्ट्र, ओडिशा व छत्तीसगढ़ में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। राम कृष्णा सिंह से पूछताछ के बाद सेल ने नवंबर में संजय सिंह को दबोच लिया। वह भी कारतूस आपूर्ति करता था। उसके बाद अजीत राय को भी महाराष्ट्र से दबोच लिया गया। राम कृष्णा व संजय सिंह ने सेल को बताया कि वे लोग मुख्य कारतूस आपूर्तिकर्ता राज बहादुर से कारतूस लेकर माओवादियों को आपूर्ति करते थे। उनसे पूछताछ के बाद सेल की टीम ने 26 जनवरी को आरा से राज बहादुर को दबोच लिया।


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