Move to Jagran APP

कैंसर मरीज इलाज के लिए हो रहे परेशान, एम्स में लंबी वेटिंग और बढ़ा रही दर्द

उत्तर प्रदेश के झांसी से रेडियोथेरेपी के लिए एम्स पहुंची एक महिला को भी डाक्टरों ने यह कहकर इलाज से मना कर दिया कि कैंसर सेंटर में रेडियोथेरेपी की लंबी वेंटिंग हैं। अब परिजन और मरीज दिल्ली में अस्पतालों में चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 02:29 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 02:29 PM (IST)
कैंसर मरीज इलाज के लिए हो रहे परेशान, एम्स में लंबी वेटिंग और बढ़ा रही दर्द
एम्स कैंसर सेंटर के डाक्टरों ने यह कहकर मना कर दिया कि यहां बहुत लंबी वेटिंग है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना महामारी के मद्देनजर देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधार करने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से पीड़ित मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद में दिल्ली एम्स आते हैं। यहां आने के बाद एम्स कैंसर सेंटर के डाक्टर रेडियोथेरेपी में लंबी वेटिंग की बात कहकर दूसरे अस्पताल में रेफर कर देते हैं।

loksabha election banner

लंबी वेटिंग के नाम पर इलाज से किया मना

उत्तर प्रदेश के झांसी से रेडियोथेरेपी के लिए एम्स पहुंची एक महिला को भी डाक्टरों ने यह कहकर इलाज से मना कर दिया कि कैंसर सेंटर में रेडियोथेरेपी की लंबी वेंटिंग हैं। अब परिजन और मरीज दिल्ली में अस्पतालों में चक्कर लगाने को मजबूर हैं। मरीज के रिश्तेदार जसवंत सिंह ने बताया कि बुआ को ओरल कैंसर है। इंदौर में उनकी सर्जरी हुई थी। निजी अस्पताल में रेडिएशन थेरेपी बहुत महंगा है। इस वजह से वह एम्स में रेडियोथेरेपी कराने के लिए दिल्ली आई हैं।

अगले सप्ताह में रेडियोथेरेपी को डाक्टर ने बताया जरूरी

डाक्टर ने सलाह दी है कि अगले सप्ताह में रेडियोथेरेपी जरूर होनी चाहिए लेकिन एम्स कैंसर सेंटर के डाक्टरों ने यह कहकर मना कर दिया कि यहां बहुत लंबी वेटिंग है। इसलिए बाहर किसी दूसरी अस्पताल में रेडियोथेरेपी करा लें। यह बात डाक्टर ने ओपीडी कार्ड पर भी लिख दी है।

रेडियोथेरेपी की मशीन सफदरजंग अस्पताल में खराब

इसके बाद परिजन मरीज को लेकर सफदरजंग अस्पताल में पहुंचे। वहां पर पता चला कि रेडियोथेरेपी की मशीन खराब है। इस वजह से सफदरजंग अस्पताल में भी रेडियोथेरेपी नहीं हो पाई। इसके बाद दो निजी अस्पतालों में मरीज को ले गए। निजी अस्पताल रेडियोथेरेपी के लिए साढ़े तीन लाख रुपये मांग रहे हैं। यह खर्च उठाने में परिवार के लोग सक्षम नहीं हैं लेकिन समस्या है कि अब रेडियोथेरेपी कहां कराएं।

यह हाल तब है जब एम्स ने कैंसर के इलाज की सुविधाओं में सुधार के लिए हरियाणा के झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) का निर्माण कराया है। इसका मकसद एम्स के कैंसर सेंटर में मरीजों का दबाव करना था। एनसीआइ में रेडियोथेरेपी के लिए अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई गई हैं। करीब दो हजार करोड़ की लागत से एनसीआइ तैयार होने के बावजूद एम्स में कैंसर के इलाज की सुविधाएं अभी तक नहीं सुधर पाई। इसका एक कारण यह है कि एनसीआइ का अभी तक पूरी क्षमता के साथ संचालन शुरू नहीं हो पाया है।

आसान नहीं राह

वहीं, एम्स से झज्जर स्थित एनसीआइ जाना मरीजों के लिए आसान भी नहीं है। एम्स कैंसर सेंटर के रेडियोथेरेपी के विभागाध्यक्ष डा. डीएन शर्मा से बात करने की कोशिश की गई, उन्हें मैसेज भी भेजा गया लेकिन उन्होंने बाद में बात करने की बात कहकर टाल दिया। वहीं सफदरजंग अस्पताल का कहना है कि रेडियोथेरेपी मशीन ठीक कर ली गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.