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2035 करोड़ रुपये में तैयार राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में बायोप्सी तक की सुविधा नहीं

नाम बड़े और दर्शन छोटे कुछ यही हाल है हरियाणा के झज्जर में भारी भरकम बजट से तैयार राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) का, जहां एम्स ने मंगलवार को आननफानन में ओपीडी शुरू कर दी।

By Edited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 12:44 PM (IST)
2035 करोड़ रुपये में तैयार राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में बायोप्सी तक की सुविधा नहीं
2035 करोड़ रुपये में तैयार राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में बायोप्सी तक की सुविधा नहीं

नई दिल्ली, जेएनएन। 'नाम बड़े और दर्शन छोटे' कुछ यही हाल है हरियाणा के झज्जर में भारी भरकम बजट से तैयार राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) का, जहां एम्स ने मंगलवार को आननफानन में ओपीडी शुरू कर दी। पहले दिन कैंसर के कुछ मरीजों के इलाज का दावा भी किया पर हैरानी की बात यह है कि राष्ट्रीय महत्व के इस संस्थान में अभी बायोप्सी व बुनियादी जांच तक की सुविधा नहीं हो पाई है। आधी-अधूरी तैयारी के साथ ट्रायल के रूप में ओपीडी शुरू की गई।

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बताया जा रहा है कि एम्स ने ओपीडी सुविधा शुरू करने के बारे में पहले लोगों को जानकारी नहीं दी। इसका असर एनसीआइ में पहले दिन की ओपीडी में रहा। जहां एम्स से डॉक्टरों की पूरी टीम इलाज के लिए पहुंची थी पर मरीज सिर्फ गिनती के पहुंचे। एक डॉक्टर ने बताया कि ओपीडी में करीब 15 मरीज पहुंचे। अभी सिर्फ मरीजों के कंसल्टेंशन और फाइल बनाकर वर्कअप की सुविधा शुरू की गई है। जांच के लिए लैब तैयार है। एक्सरे, सीटी स्कैन व रेडियोथेरेपी मशीनें भी लग गई हैं। यह भी जल्द शुरू हो जाएंगी। केंद्र सरकार ने एनसीआइ के निर्माण पर 2035 करोड़ खर्च किया है। यह सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है।

नाम न लिखने की शर्त पर एक डॉक्टर ने कहा कि कोई भी बड़ा अस्पताल या सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान बनकर तैयार होता है तो पहले चिकित्सकीय जांच की व्यवस्था की जाती है। डॉक्टरों की नियुक्ति होती है। फिर इलाज शुरू होता है। कैंसर सर्दी व बुखार की तरह सामान्य बीमारी नहीं है, जिसे मरीज को ओपीडी में देखने के बाद सिर्फ दवा लिख दी जाए, बल्कि बायोप्सी सहित कई तरह की जांच की जरूरत होती है। जांच की सुविधा के बगैर कैंसर की ओपीडी शुरू करने का कोई खास फायदा नहीं।

ओपीडी में चिकित्सकीय परामर्श के बाद मरीजों को एम्स में जांच के लिए आना पड़ेगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस परियोजना को लेकर एम्स प्रशासन किस तरह गंभीर है। एनसीआइ के लिए अभी डॉक्टरों की स्थायी नियुक्ति भी नहीं हो पाई है।

एम्स कैंसर सेंटर व एनसीआइ के प्रमुख डॉ. जीके रथ ने कहा कि जांच की सुविधा भी कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगी। 14 जनवरी से मरीजों को भर्ती लेने की सुविधा शुरू हो जाएगी।

जांच आसान करेगा रोबोटिक लैब
एनसीआइ में रोबोटिक लैब तैयार किया गया है। जहां ऑटोमेटिक तरीके से ब्लड की जांच होगी। एक घंटे में 2000 से अधिक सैंपल की जांच हो सकेगी और एक दिन में 60 हजार सैंपल की जांच हो सकेगी। इसके अलावा यह संस्थान अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित होगा।


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